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Hindi News भारत राष्ट्रीय IB निदेशक, आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ का कार्यकाल 20 जून 2026 तक बढ़ा, जानें कौन हैं तपन डेका

IB निदेशक, आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ का कार्यकाल 20 जून 2026 तक बढ़ा, जानें कौन हैं तपन डेका

पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका के सेवा विस्तार को 20 जून 2026 तक के लिए मंजूरी दी है। जानिए कौन हैं पवन डेका?

आईबी चीफ तपन डेका का बढ़ा कार्यकाल- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO आईबी चीफ तपन डेका का बढ़ा कार्यकाल

भारत सरकार के आदेश के अनुसार इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख तपन डेका को उनके कार्यकाल में फिर से एक साल का विस्तार दिया गया है। इससे पहले, उन्हें कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा जून, 2025 तक विस्तार दिया गया था। सरकारी आदेश में कहा गया है, "मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के एफआर 56 (डी) और नियम 16 ​​(1 ए) के प्रावधानों में छूट देते हुए 30.06.2025 से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेशों तक, जो भी पहले हो, के लिए खुफिया ब्यूरो के निदेशक के रूप में श्री तपन कुमार डेका, आईपीएस (एचपी:88) की सेवा में विस्तार को मंजूरी दे दी है।"

आईबी प्रमुख तपन कुमार डेका कौन हैं?

  • आईपीएस अधिकारी पवन डेका, जो इंटेलिजेंस ब्यूरो के 28वें निदेशक हैं, ने जुलाई 2022 में अपने पूर्ववर्ती अरविंद कुमार से पदभार संभाला। वह 1995 में इंटेलिजेंस ब्यूरो में शामिल हुए और तब से महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में शामिल रहे हैं।
     
  • 25 फरवरी, 1963 को असम के सरथेबारी में जन्मे डेका का आईपीएस अधिकारी के रूप में शानदार करियर रहा है।
     
  • दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिकी में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयन प्रक्रिया पास कर ली और 1988 में हिमाचल प्रदेश कैडर का हिस्सा बन गए।
     
  • तपन डेका ने 1995 में इंटेलिजेंस ब्यूरो में शामिल होने के बाद उप निदेशक, संयुक्त निदेशक, अतिरिक्त निदेशक और विशेष निदेशक के रूप में कार्य किया।
     
  • डेका को 2012 में पुलिस सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक भी मिला है।
     
  • उन्होंने अमेरिका में सेवा की थी और पाकिस्तान प्रायोजित मुजाहिदीन समूह को खत्म करने में भारत की मुख्य ताकत थे। वह 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों की जांच का हिस्सा थे और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने में शामिल थे।
     
  • उन्होंने उत्तर-पूर्वी उग्रवाद और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों को भी संभाला।

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