A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Independence Day 2022: आजादी के बाद लोगों को क्यों छोड़ना पड़ा अपना घर? उनके साथ क्या-क्या हुआ? जानिए बंटवारे का दर्द

Independence Day 2022: आजादी के बाद लोगों को क्यों छोड़ना पड़ा अपना घर? उनके साथ क्या-क्या हुआ? जानिए बंटवारे का दर्द

Independence Day 2022: हिंदू और सिख जान बचाने के लिए पाकिस्तान से भाग गए, एक ऐसा देश जो मुस्लिम धर्म पर आधारित है। भारत के मुसलमान जो पाकिस्तान का हिस्सा बनना चाहते थे, उन्होंने वहां बसने के लिए भारत छोड़ दिया।

Partition After Independence Day- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Partition After Independence Day

Highlights

  • आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ
  • भारत का विभाजन हुआ और पाकिस्तान बना
  • बड़ी संख्या में हिंदू-सिख देश छोड़कर आए

Independence Day 2022: इस साल देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए हैं। इस उपलक्ष्य में 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाया जा रहा है। पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। 15 अगस्त, 1945 की आधी रात को देश को स्वतंत्रता तो मिली थी, लेकिन इसी समय उसका बंटवारा भी हुआ। जिसके बाद एक नए देश पाकिस्तान का जन्म हुआ। लेकिन आजादी की यही खुशी न जाने कितनों के लिए मातम में तब्दील हो गई। लोगों को अपने घर छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा था। आज इसी बारे में विस्तार से बात कर लेते हैं। 

भारत को जब अंग्रेजों की 200 साल की गुलामी से आजादी मीली, तो उसके बाद बड़े स्तर पर रक्तपात भी देखने को मिला। भारत का विभाजन धार्मिक आधार पर और देश में दो प्रांतों के विभाजन पर आधारित हुआ था। बंगाल, भारत और पंजाब का सबसे बड़ा प्रांत था। यह विभाजन जिलों में हिंदू और मुस्लिम आबादी पर आधारित था। मुस्लिम बहुल पंजाब वर्तमान में पाकिस्तान है और मुस्लिम बहुल बंगाल वर्तमान में बांग्लादेश है। इतिहासकारों ने 1947 के विभाजन को 'मानव इतिहास में सबसे बड़ा और सबसे हिंसक राजनीतिक प्रवास' बताया है।

सांप्रदायिक दंगों में मारे गए लोग

आंकड़ों से पता चलता है कि 'इस खूनी विभाजन' के दौरान लगभग 1.5 करोड़ लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए थे, विभाजन के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों में दस लाख से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई और कई के साथ बलात्कार किया गया। वाशिंगटन पोस्ट का अनुमान है कि उन महीनों में मारे गए लोगों की संख्या 2 लाख से 20 लाख के बीच है। 

हिंदू और सिख जान बचाने के लिए पाकिस्तान से भाग गए, एक ऐसा देश जो मुस्लिम धर्म पर आधारित है। भारत के मुसलमान जो पाकिस्तान का हिस्सा बनना चाहते थे, उन्होंने वहां बसने के लिए भारत छोड़ दिया। मिडनाइट्स फ्यूरीज: द डेडली लिगेसी ऑफ इंडियाज पार्टिशन' के लेखक निसिद हजारी ने कहा है, "जब विभाजन हुआ, तो भारत और पाकिस्तान के समान पृथ्वी पर शायद कोई दो देश नहीं थे।"

विभाजन के दौरान क्या हुआ?
 
बंटवारे के वक्त बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई और जीवनयापन बुरी तरह प्रभावित हुआ। घरों और इमारतों को आग लगा दी गई, उनमें लूटपाट हुई, महिलाओं के साथ रेप हुआ और बच्चों को उनके परिवारों के सामने मार दिया गया। जो ट्रेनें शरणार्थियों को लेकर जा रही थीं, वह शवों के साथ लौट रही थीं। रास्ते में भीड़ द्वारा लोगों की हत्या की जा रही थी। इन्हें 'ब्लड ट्रेन' नाम दिया गया था। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त का अनुमान है कि भारत के विभाजन के दौरान 1.4 करोड़ हिंदू, सिख और मुसलमान विस्थापित हुए थे।

विभाजन की हिंसा के दौरान दोनों तरफ 83,000 महिलाओं और लड़कियों का बलात्कार या अपहरण किया गया था। विभाजन के दौरान अक्सर पैदल ही प्रवास करने वालों की संख्या - हिंदू और सिख भारत में और मुसलमान पाकिस्तान में 1.5 करोड़ थी। 15 अगस्त को भारत की स्वतंत्रता की घोषणा के 48 घंटे बाद ही ब्रिटिश सैनिकों ने घर के लिए जाना शुरू कर दिया था। उनकी वापसी अगले साल फरवरी में पूरी हुई।

Latest India News