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Hindi News भारत राष्ट्रीय कांग्रेस सरकार ने कब्रिस्तान के लिए दी सेना की जमीन? जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले गरमाया मामला

कांग्रेस सरकार ने कब्रिस्तान के लिए दी सेना की जमीन? जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले गरमाया मामला

हैदराबाद के जुबली हिल्स में कब्रिस्तान के लिए भूमि आवंटन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। तेलंगाना सरकार और वक्फ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय के लिए 2500 वर्ग गज जमीन आवंटित की है, लेकिन सेना ने इसे अपनी संपत्ति बताया है।

Jubilee Hills Bypolls, Jubilee Hills land dispute, Telangana Waqf Board- India TV Hindi Image Source : REPORTER INPUT हैदराबाद में कब्रिस्तान के लिए आवंटित जमीन को सेना ने अपनी संपत्ति बताया है।

हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के पॉश इलाके जुबली हिल्स में कब्रिस्तान के लिए जमीन आवंटन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। तेलंगाना सरकार और तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय के लिए शेखपेट मंडल के अलीजापुर रोड पर मस्जिद-ए-गैराबाद (मदीना मस्जिद) के पास 2,500 वर्ग गज जमीन कब्रिस्तान के लिए आवंटित की है। लेकिन सैन्य अधिकारियों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है और दावा किया है कि यह जमीन सेना की है। इस विवाद ने जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव से पहले सियासी तूल पकड़ लिया है, जहां 11 नवंबर को मतदान होना है।

ओवैसी ने भी सरकार के सामने उठाया था मुद्दा

तेलंगाना वक्फ बोर्ड के मुताबिक, स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने लंबे समय से कब्रिस्तान के लिए जमीन की मांग की थी। बोर्ड का कहना है कि यह जमीन मस्जिद-ए-गैराबाद की है, जो पहले से ही राजपत्रित वक्फ संपत्ति के रूप में अधिसूचित है। कुल 1 एकड़ 5 गुंटा जमीन में से 2,500 वर्ग गज को कब्रिस्तान के लिए नामित किया गया है। वक्फ बोर्ड की फाइल संख्या 9/Perms/HYD/2025 के अनुसार, यह जमीन गैराबाद में जुड़वां मस्जिदों के पीछे मृतक मुसलमानों के दफन के लिए निर्धारित की गई है। AIMIM सुप्रीमो और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाया था और इसके लिए काफी कोशिश की थी।

सैन्य अधिकारियों ने आवंटन पर सवाल उठाए

दूसरी ओर, सैन्य अधिकारियों ने इस आवंटन पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह पूरी जमीन, जिसमें आसपास की सड़क भी शामिल है, सेना के अधीन है और इसका वक्फ बोर्ड से कोई संबंध नहीं है। एक सैन्य अधिकारी ने स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह जमीन सेना की है और इसका माप भी हो चुका है। उन्होंने साफ कहा कि इस जमीन पर कोई बोर्ड नहीं लगने दिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर बाड़बंदी की जाएगी। सैन्य अधिकारी ने यह भी कहा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले सरकार को सेना से उचित माध्यम से बात करनी होगी।

'मुस्लिम वोटों के लिए कांग्रेस ने लिया फैसला'

इस विवाद ने सियासी रंग ले लिया है, क्योंकि जुबली हिल्स में 11 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। BJP ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार ने यह फैसला मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए लिया है। बीजेपी सांसद रघुनंदन राव ने कहा कि जुबली हिल्स विधानसभा में करीब 33.2% मुस्लिम मतदाता हैं, जो कुल 3,55,337 मतदाताओं में से लगभग 1,17,972 हैं। उनका दावा है कि कांग्रेस ने यह कदम उपचुनाव में जीत के लिए उठाया है, न कि मुस्लिम समुदाय की भलाई के लिए। बीजेपी ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है, तो इसके खिलाफ दो-तिहाई हिंदू वोटर एकजुट हो सकते हैं।

BRS ने भी कांग्रेस पर साधा निशाना

वहीं, भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। BRS का कहना है कि मुस्लिम वोटों के लिए यह गड़बड़ी की गई है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि मुस्लिम समुदाय इसकी असलियत समझ चुका है। दूसरी ओर, कांग्रेस के नेता निजामुद्दीन ने सफाई दी कि आवंटित जमीन वक्फ बोर्ड की है और इसके पास ही सेना की जमीन है, जिसके कारण भ्रम पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस विवाद को जल्द सुलझा लिया जाएगा। इस बीच, यह भी खबर है कि एरेगड्डा में भी कब्रिस्तान के लिए जमीन के एक टुकड़े का उपयोग करने की कोशिश हो रही है, जिसका बीजेपी कड़ा विरोध कर रही है। बीजेपी का कहना है कि यह इलाका पूरी तरह रिहायशी है, इसलिए वहां कब्रिस्तान बनाना उचित नहीं है।

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