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Hindi News भारत राष्ट्रीय पहलगाम आतंकी में नाम देकर 70 लाख रुपए ठगे, आदित्य बिड़ला ग्रुप के पूर्व एमडी से फ्रॉड

पहलगाम आतंकी में नाम देकर 70 लाख रुपए ठगे, आदित्य बिड़ला ग्रुप के पूर्व एमडी से फ्रॉड

आदित्य बिड़ला ग्रुप के पूर्व एमडी से ठगों ने 70 लाख रुपए हड़प लिए हैं। जानकारी के मुताबिक, पहलगाम आतंकी हमले में नाम होने का झांसा देकर ठगी की गई है। साइबर सेल मामले की जांच में जुटी हुई है।

digital arrest case cyber fraud Aditya Birla Group MD- India TV Hindi Image Source : PTI सांकेतिक फोटो।

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक बड़ा साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है। यहां ठगों ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी), 75 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर धमकाकर 70 लाख रुपए ठग लिए हैं। जानकारी के मुताबिक, व्यक्ति को झांसा दिया गया कि उसका नाम पहलगाम आतंकी हमले में आया है। इस घटना के सामने आने के बाद मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने जांच शुरू कर दी है।

ऐसे रचा गया ठगी का जाल

जानकारी के मुताबिक, परेल इलाके में रहने वाले पीड़ित को एक महिला ने शख्स को फोन कर खुद को दिल्ली एटीएस कंट्रोल रूम की अधिकारी बताया। उसने दावा किया कि पीड़ित का नाम पहलगाम आतंकी हमले की जांच में सामने आया है। इसके बाद वीडियो कॉल पर एक शख्स पुलिस की वर्दी में दिखाई दिया और खुद को आईजी प्रेम कुमार गौतम बताया। उसने पीड़ित को गिरफ्तारी, बैंक खाते फ्रीज करने और पासपोर्ट जब्त करने की धमकी दी।

डर और दबाव में आकर पीड़ित ने अपनी आय, बैंक अकाउंट्स, फिक्स्ड डिपॉजिट और शेयर निवेश से जुड़ी जानकारी साझा कर दी। ठगों ने आरबीआई के नाम पर फर्जी नियम बताकर पैसे को 'व्हाइट मनी' में बदलने की बात कही और 70 लाख रुपए तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए। ठगों ने भरोसा दिलाने के लिए व्हाट्सऐप पर नकली आरबीआई रसीद भी भेजी।

शक होने पर दर्ज हुई शिकायत

ठगों द्वारा पीड़ित को लगातार नजर में रखने और किसी से बात न करने की चेतावनी दी गई। जब ठगों ने एक करोड़ रुपए और मांगे तो पीड़ित को शक हुआ और उसने 28 सितंबर को आर.के. मार्ग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की कार्रवाई

मुंबई साइबर क्राइम सेल ने इसे गंभीर मामला मानते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने ठगों द्वारा भेजे गए व्हाट्सऐप चैट, ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग और बैंक ट्रांजेक्शन के सबूत जब्त कर लिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल ट्रेल्स और खातों की जांच के आधार पर आरोपियों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

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