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Hindi News भारत राष्ट्रीय NIA ने 5 राज्यों में अर्श डाला और KTF से जुड़े 30 जगहों पर डाली रेड, आतंकवादी-गैंगस्टर गठजोड़ का है मामला

NIA ने 5 राज्यों में अर्श डाला और KTF से जुड़े 30 जगहों पर डाली रेड, आतंकवादी-गैंगस्टर गठजोड़ का है मामला

एनआईए ने आतंकवादी-गैंगस्टर गठजोड़ मामले में 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में अर्श डाला और अन्य केटीएफ संदिग्धों से जुड़े 30 स्थानों पर छापेमारी की है।

एनआईए- India TV Hindi Image Source : PTI एनआईए

नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को आतंकवादी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला और बैन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के कई संदिग्धों से संबंधित आतंकवादी-गैंगस्टर सांठगांठ मामले में 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 30 जगहों पर छापेमारी की। एनआईए की टीमों ने पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में छापे मारे हैं।

कई आंतकियों पर छापा

एनआईए ने आज जिन परिसरों पर छापा मारा गया, वे एनआईए के एक मामले में आंतकी डाला के विभिन्न संदिग्ध सहयोगियों के साथ-साथ बलजीत मौर और ऑस्ट्रेलिया स्थित गुरजंत सिंह से जुड़े थे। इस छापेमारी में एनआईए के हाथ डिजिटल उपकरणों सहित आपत्तिजनक सामग्री लगी है, जिसे जब्त कर लिया गया है। यह पूरा मामला केटीएफ और अन्य आतंकी संगठनों की आपराधिक गतिविधियों से संबंधित है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी और नशीले पदार्थों आदि जैसे खतरनाक हार्डवेयर की तस्करी शामिल है।

आतंकी एजेंडे को आगे बढ़ाने में जुटे थे आतंकी

एनआईए जांच के अनुसार, तस्करी की गई वस्तुएं देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय आतंकवादी संगठनों और संगठित आपराधिक गिरोहों के सदस्यों/सदस्यों द्वारा विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली थीं, जिसमें केटीएफ के लिए धन जुटाने के लिए जबरन वसूली, हत्याएं, युवाओं की भर्ती, भारत में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी आदि शामिल हैं। जांच से पता चला है कि डाला, मौर और गुरजंत ने अपने आतंकी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची थी।

पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी

जिन संदिग्धों के परिसरों पर आज छापेमारी की गई, वे इन 3 लोगों के लिए हिंसक आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे थे, और केटीएफ के इशारे पर पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी और देश में हिंसा और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती में शामिल थे। ये सहयोगी प्रतिबंधित संगठन के लिए धन जुटाने के लिए जबरन वसूली रैकेट का भी हिस्सा थे। साथ ही ये कई बिजनेसमैन से जबरन वसूली भी करते थे।

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