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Hindi News भारत राष्ट्रीय केरल में निपाह का खतरा बढ़ा, एक और मरीज की हुई पहचान, कर्नाटक में भी खौफ

केरल में निपाह का खतरा बढ़ा, एक और मरीज की हुई पहचान, कर्नाटक में भी खौफ

केरल में निपाह वायरस के एक और मरीज की पुष्टि हुई है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के कार्यालय ने इसकी जानकारी दी। निपाह संक्रमण के कुल मामले 6 हो गए हैं।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

केरल में निपाह वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कोझिकोड जिले में निपाह वायरस से संक्रमित एक और मरीज की पहचान हुई है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि 39 वर्षीय शख्स के सैंपल में निपाह वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है। वह एक अस्पताल में निगरानी में है। एक बयान में कहा गया कि शख्स ने एक निजी अस्पताल में इलाज की मांग की थी। इसके साथ ही निपाह संक्रमण के कुल मामले 6 हो गए हैं। इसमें एक नौ वर्षीय बच्चा भी शामिल है।

कंटेनमेंट जोन बनाए गए

कोझिकोड में सामने आए निपाह वायरस को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में है। नौ पंचायतों में कोविड के वक्त की तरह ही कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले और एन्सेफलाइटिस की वजह बनने वाले इस वायरस की वजह से अब तक दो लोगों की मौत भी हुई है। इसके बाद से ही राज्य सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गई है और कई तरह की एडवाइजरी भी जारी की है। वहीं, केरल में तेजी से बढ़ रहे न‍िपाह वायरस के मामलों को लेकर अब दक्ष‍िण भारत का दूसरा राज्‍य कर्नाटक भी अलर्ट मोड में आ गया है। 

कर्नाटक सरकार का सर्कुलर

न‍िपाह वायरस की रोकथाम को लेकर कर्नाटक सरकार की ओर से भी एक सर्कुलर जारी क‍िया गया है। आम लोगों से अपील की गई है कि वो जरूरी हो तो ही केरल के प्रभाव‍ित क्षेत्रों की यात्रा करे। कर्नाटक सरकार ने लोगों से केरल के प्रभाव‍ित क्षेत्रों की गैर-जरूरी यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। कर्नाटक सरकार ने सर्कुलर में खासकर केरल से सटे कर्नाटक के सीमावर्ती जिलों कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर में निगरानी तेज करने के आदेश दिए हैं।

बांग्लादेशी वेरिएंट होने की बात

बीते दिनों केरल विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि जिस वारयस की पुष्टि हुई है वह बांग्लादेशी वेरिएंट है। यह मानव से मानव में फैलता है। उन्होंने बताया था कि इसमें मृत्यु दर अधिक है, लेकिन यह कम संक्रामक है। उन्होंने कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट ने ब्रेन को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस के फैलने से रोकने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं।

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