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Hindi News भारत राष्ट्रीय ओडिशा ट्रेन हादसा कैसे हुआ, रेल मंत्री ने बताई पूरी टाइमलाइन, कवच सिस्टम होता तो टल जाती दुर्घटना

ओडिशा ट्रेन हादसा कैसे हुआ, रेल मंत्री ने बताई पूरी टाइमलाइन, कवच सिस्टम होता तो टल जाती दुर्घटना

ओडिशा में ट्रेन हादसा कैसे हुआ इस बात की अब पूरी जानकारी मिल चुकी है। रेलवे मंत्री अश्विन वैष्णव ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी इंडिया टीवी को दी है।

Odisha train accident cause how odisha train accident happen what is kavach system for indian railwa- India TV Hindi Image Source : PTI ओडिशा ट्रेन हादसा कैसे हुआ

Odisha Train Accident: बालासोर ट्रेन हादसे में 200 से अधिक लोगों का मौत हो चुकी है। इस घटना को लेकर बताया जा रहा है कि सबसे पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस की ट्रैक चेंज हो गई थी। कोरोमंडल कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में चली गई थी। इस दौरान लूप लाइन में पहले मालगाड़ी खड़ी थी। इस कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई और 12 बोगियां पलट गई। इस दौरान कोरोमंडल एक्सप्रेस अपनी फुल स्पीड में थी। इसी दौरान हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से टकरागई। इसके बाद यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस की 2 बोगियां पटरी से उतर गई, जिस कारण इतना बड़ा हादसा देखने को मिला है। 

कैसे हुआ रेल हादसा

इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हादसे की पूरी टाइमलाइन बताई है। रेल मंत्री ने बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहनागा बाजार स्टेशन पर दूसरी ट्रैक पर आ गई और कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में चली गई। इस दौरान कोरोमंडल एक्सप्रेस फुल स्पीड में थी और लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से वह टकरा गई। इस टक्कर की वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस की 21 बोगी डिरेल हो गई और 3 बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई। उसी दौरान यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी। यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल की डिरेल बोगियों से टकराई और उसकी पीछे की 2 बोगियां पलट गई। इस हादसे में दोनों ट्रेन की 17 बोगियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। हादसे के वक्त कोरोमंडल एक्सप्रेस में 1257 पैसेंजर थे, जबकि यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में 1039 यात्री मौजूद थे।

क्या है कवच सिस्टम प्रणाली

कवच एक ऐसा सुरक्षा प्रणाली वाला सिस्टम है जिसे हर स्टेशन से एक किमी दूर, ट्रेन, ट्रैक, सिग्नल पर इंस्टॉल किया जाता है। यह अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंस के जरिए संचार करता है। यानि किसी कारण अगर लोकोपायलट रेलवे सिग्नल को जंप कर जाता है तो यह सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है और लोकोपायलट को अलर्ट भेजना शुरू कर देता है। फिर ट्रेन के ब्रेक्स को यह सिस्टम कंट्रोल करने लगता है। साथ ही सामने से आ रही दूसरे ट्रेन को भी यह अलर्ट भेजता है जो एक निश्चित दूरी पर आकर खुद ही रुक जाती है। 

 

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