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Punjab News: महिला सरपंच ने पंचायत को यूं लगाया 12 करोड़ का चूना, अब खा रहीं जेल की हवा

Punjab News: पटियाला जिले की एक महिला सरपंच को पंचायत कोष के 12.24 करोड़ रुपये गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

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Highlights

  • 12.24 करोड़ गबन करने का आरोप
  • पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने की कार्रवाई
  • महिला सरपंच को किया गया गिरफ्तार

Punjab News: पंजाब के पटियाला जिले की एक महिला सरपंच को पंचायत कोष के 12.24 करोड़ रुपये गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पंजाब सतर्कता ब्यूरो (Punjab Vigilance Bureau) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब शहरी विकास प्राधिकरण ने अमृतसर-कोलकाता इंटीग्रेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए पांच अलग-अलग गांवों की 1,104 एकड़ शामलात (खाली) जमीन का अधिग्रहण किया था। 

उन्होंने कहा कि इस संबंध में पटियाला जिले के शंभू प्रखंड के पाबरा, तख्तू माजरा, सेहरा, सेहरी और अकारी गांवों को करीब 285 करोड़ रुपये दिए गए। उन्होंने बताया कि इनमें से लगभग 51 करोड़ रुपये की राशि ग्राम पंचायत अकारी को लगभग 183 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के बदले प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी ग्राम प्रधान हरजीत कौर ने गांव में धन का उपयोग करने के नाम पर विकास कार्य शुरू किया था। 

उन्होंने कहा कि हालांकि, सतर्कता ब्यूरो की तकनीकी टीम की ओर से इन कार्यों की भौतिक जांच के दौरान पता चला कि कौर ने गांव में तालाब, सामुदायिक केंद्र, कब्रिस्तान और पंचायत घर के निर्माण के फर्जी प्रस्ताव ग्राम पंचायत से पास कराकर भारी मात्रा में धन का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि जांच में पता चला कि कौर की ओर से विकास कार्यों के नाम पर 12.24 करोड़ रुपये का गबन किया गया।

निजी बस संचालकों ने की हड़ताल

एक अन्य खबर के मुताबिक, पंजाब में निजी बस संचालकों ने राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार पर कोविड-19 महामारी की अवधि में कर में छूट समेत उनकी अन्य मांगों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को एक दिवसीय हड़ताल की। पंजाब मोटर यूनियन के बैनर तले बस और मिनी बस संचालकों ने अमृतसर, पटियाला, फगवाड़ा और अजनाला समेत कई स्थानों पर धरना भी दिया। काले झंडे थामे प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। 

हड़ताल के कारण सड़कों से निजी बसें नदारद रहने के चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। राज्य की सरकारी बसों के उलट निजी और मिनीबस ऑपरेटरों का ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रभुत्व है, क्योंकि वे राज्य के अंदरूनी हिस्सों में चलते हैं। कर माफी के अलावा, वे किराए में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं और राज्य की ओर से संचालित बसों में महिलाओं को मुफ्त सवारी प्रदान करने के फैसले के लिए मुआवजा चाहते हैं।

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