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Hindi News भारत राष्ट्रीय Railway News: रेलवे में जनरल टिकटों की बुकिंग प्राइवेट हाथों में, 52 स्टेशनों पर शुरू की गई यह व्यवस्था, पढ़ें यहां

Railway News: रेलवे में जनरल टिकटों की बुकिंग प्राइवेट हाथों में, 52 स्टेशनों पर शुरू की गई यह व्यवस्था, पढ़ें यहां

Railway News: अब जनरल टिकटों की बुकिंग प्राइवेट कर्मचारी करेंगे। ऐसे में भारतीय रेलवे अब जनरल टिकटों की बिक्री आउटसोर्स के जरिए यानी प्राइवेट कर्मचारियों के जरिए करेगा।

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Railway News: भारतीय रेलवे ने पूर्वोतर रेलवे के 52 स्टेशनों पर नई व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत अब जनरल टिकटों की बुकिंग प्राइवेट कर्मचारी करेंगे। ऐसे में भारतीय रेलवे अब जनरल टिकटों की बिक्री आउटसोर्स के जरिए यानी प्राइवेट कर्मचारियों के जरिए करेगा। रेलवे प्रशासन ने एनएसजी-5 और एनएसजी-6 श्रेणी (नॉन सबअर्बन ग्रुप) के सभी स्टेशनों पर स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

जंक्शन पर स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट होंगे तैनात

बता दें कि केंद्र सरकार भारतीय रेल में प्राइवेट ट्रेनों के संचालन के बाद अब लोकल टिकटों की बिक्री का काम निजी कर्मचारियों को सौंप रही है। वहीं, खाली हो रहे पदों को सरेंडर कर अब रेलवे आउटसोर्ट के माध्यम से कई काम कराएगा। इसमें जनरल टिकटों की बिक्री भी शामिल है। ऐसे में अब जनरल टिकटों की बुकिंग के लिए जंक्शन पर स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट तैनात होंगे। मतलब जंक्शन के टिकट काउंटर भी अब निजी हाथों में होंगे। हाल्ट और छोटे स्टेशनों की तरह जंक्शनों पर भी प्राइवेट कर्मचारी कमीशन के आधार पर रेलवे के जनरल टिकटों की बिक्री करेंगे।

पूर्वोतर रेलवे ने सीपीआरओ पंजक कुमार सिंह ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत वाराणसी मंडल प्रशासन ने एनएसजी- 5 व 6 श्रेणी के 31 स्टेशनों व जंक्शनों पर 41 एसटीबीए रखने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। इसी प्रकार लखनऊ मंडल प्रशासन ने गोरखपुर, कैंट, सहजनवां, पीपीगंज, मगहर, बृजमनगंज, शोहरतगढ़ और लक्ष्मीपुर सहित 52 स्टेशनों पर एसटीबीए तैनात करने के लिए टेंडर निकाल दिया है। 

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रेलवे के कुल खर्च का 67% मानव संसाधन पर जाता है

इस व्यवस्था से यात्रियों को सहूलियत मिलेगी। रेलकर्मियों की मनमानी नहीं चलेगी। वहीं, यात्रियों को समय से टिकट मिलेंगे। दरअसल, मानव संसाधन के नाम पर हो रहे रेलवे के खर्चे में कटौती भी होगी। जानकारी के मुताबिक, भारतीय रेलवे के कुल खर्च का 67 प्रतिशत मानव संसाधन पर जाता है। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार, खर्चे में कमी लाने के लिए रेलवे प्रशासन कम कार्य वाले पदों पर तैनात कर्मियों को दूसरे कार्यस्थलों पर समायोजित करेगा और खाली हो रहे पदों को सरेंडर कर आवश्यक कार्य आउटसोर्स से पूरे कराएगा।

गोरखपुर सहित प्रमुख स्टेशनों के पूछताछ काउंटर और एनाउंस सिस्टम भी निजी हाथों में सौंपी दी गई है। यात्रियों की सुविधा के लिए पूर्वोतर रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर और लखनऊ सहित 37 स्टेशनों के आस-पास यात्री टिकट सुविधा केंद्र खोलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। जनसाधारण टिकट बुकिंग सेवक (जेटीबीएस) की तरह वाइटीएसके भी स्टेशन के आस-पास शहर और कस्बों के मोहल्ल में खोले जाएंगे। इन केंद्रों से आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकट बुक किए जा सकेंगे। 

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