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Hindi News भारत राष्ट्रीय चल रही थी रामलीला, सिंहासन पर बैठे बैठे अचानक गिर पड़े 'दशरथ' और हो गई मौत, देखें LIVE Video

चल रही थी रामलीला, सिंहासन पर बैठे बैठे अचानक गिर पड़े 'दशरथ' और हो गई मौत, देखें LIVE Video

हिमाचल के चंबा जिले में रामलीला का मंचन हो रहा था। सिंहासन पर बैठे बैठे अचानक दशरथ का किरदार निभाने वाले अमरेश महाजन गिर पड़े, लोग कुछ समझ पाते कि उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टर ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताया है। देखें वीडियो...

रामलीला में दशरथ की मौत- India TV Hindi Image Source : REPORTER रामलीला में दशरथ की मौत

चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा में श्री रामलीला मंचन के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया। मंच पर दशरथ की भूमिका निभा रहे 73 साल के वरिष्ठ कलाकार अमरेश महाजन अचानक सिंहासन पर बैठे बैठे गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने कहा कि, उनकी अचानक मौत हृदय गति रुकने से हो गई। घटना मंगलवार रात करीब 8:30 बजे की है। अमरेश महाजन उर्फ शिबू, निवासी मोहल्ला मुगला, बीते करीब 40 वर्षों से चंबा के ऐतिहासिक चौगान में आयोजित होने वाली श्री रामलीला में सक्रिय रूप से भाग ले रहे थे।

लोगों ने बताया कि अमरेश रामलीला में दशरथ और रावण की भूमिका निभाने के लिए जाने जाते थे। इस बार उन्होंने अपने साथियों से पहले ही कह दिया था कि यह उनकी अंतिम रामलीला होगी। लोगों को ये बात मजाक लगी थी, लेकिन उनकी ये बात सच हो गई और अभिनय करते करते उनकी मौत हो गई।

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मंगलवार को श्रीराम लीला मंचन का दूसरा दिन था। कार्यक्रम में दशरथ दरबार और सीता स्वयंवर का मंचन होना था। जब मंच पर दशरथ दरबार का दृश्य चल रहा था, तभी अचानक अमरेश महाजन बेहोश होकर गिर पड़े। साथी कलाकार उन्हें तुरंत संभालकर पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, चंबा लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अमरेश महाजन के निधन की खबर से पूरा चंबा स्तब्ध है। श्री रामलीला क्लब के अध्यक्ष स्वपन महाजन ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अमरेश महाजन का योगदान अमूल्य रहा है। वहीं, व्यापार मंडल चंबा के अध्यक्ष वीरेंद्र महाजन ने भी शोक संवेदना प्रकट की। मेडिकल कॉलेज चंबा के प्राचार्य डॉ. पंकज गुप्ता ने बताया कि उनकी मौत हृदय गति रुकने से हुई।

बता दें कि चंबा में श्री रामलीला का आयोजन वर्ष 1949 से लगातार हो रहा है। उस समय लाला संसार चंद महाजन ने पुत्र प्राप्ति की लालसा में रामलीला क्लब की स्थापना की थी और तभी से चौगान में इस ऐतिहासिक मंचन की परंपरा शुरू हुई।

(हिमाचल से रेशमा कश्यप की रिपोर्ट)

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