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Hindi News भारत राष्ट्रीय Tamil Nadu: मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने ऑनलाइन पट्टा हस्तांतरण सुविधा शुरू की, बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति

Tamil Nadu: मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने ऑनलाइन पट्टा हस्तांतरण सुविधा शुरू की, बिचौलियों से मिलेगी मुक्ति

Tamil Nadu: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने राजस्व विभाग के माध्यम से पट्टों के ऑनलाइन हस्तांतरण के लिए शुक्रवार को ‘कहीं भी, कभी भी ई-सेवा’ की शुरुआत की।

Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin(File Photo)- India TV Hindi Image Source : PTI Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin(File Photo)

Tamil Nadu: सरकारी सेवाओं/सुविधाओं को जनता के द्वार तक पहुंचाने के प्रयास के तहत तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने राजस्व विभाग के माध्यम से पट्टों के ऑनलाइन हस्तांतरण के लिए शुक्रवार को ‘कहीं भी, कभी भी ई-सेवा’ की शुरुआत की। भूमि मालिक पट्टे के हस्तांतरण के लिए कॉमन सर्विस सेंटर और रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं और उनके आवेदनों पर ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी होने के बाद हस्तांतरण का आदेश जारी कर दिया जाएगा। इस नई सुविधा के तहत लोग कहीं से भी और कभी भी सरकारी वेबसाइट की मदद से पट्टे के हस्तांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

'राजस्व विभाग राज्य प्रशासन की रीढ़ होता है'

सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘राजस्व विभाग राज्य प्रशासन की रीढ़ होता है और लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरी करने एवं सरकार की विभिन्न सामाजिक-आर्थिक योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’ लोगों, किसानों और छात्रों के लिए जरूरी तमाम इस्तावेज जैसे पट्टा, चिट्टा, अदंगल, जाति प्रमाणपत्र, आवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र आदि जारी किए जाते हैं। 

जिला कार्यालय जाने की जरूरत नहीं 

सरकार राजस्व विभाग के बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही है और नागरिक-केन्द्रित सेवाओं को लागू करने के लिए विभाग में तमाम सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। अब इस नई सेवा के आने के बाद लोगों को पट्टा हस्तांतरण के लिए जिला कार्यालय या सीएससी(CSC) जाने की जरूरत नहीं होगी। वे इसके लिए आवश्यक शुल्क ऑनलाइन जमा करा सकते हैं और मंजूरी प्राप्त कर सकते हैं। 

आदेश जारी होने के बाद उसकी प्रति डाउनलोड की जा सकेगी। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘इस कदम से जनता को अब विभिन्न विभागों के चक्कर काटने और बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी।’’ गौरतलब है कि 2014 से 2017 के तमिलनाडु के शहरी क्षेत्रों में जमीन के सभी रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया गया था। 

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