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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'खूनी गांव' इस नाम से खौफ खाते थे लोग, बदलकर रखा गया देवीग्राम, क्या है इसके पीछे की कहानी

'खूनी गांव' इस नाम से खौफ खाते थे लोग, बदलकर रखा गया देवीग्राम, क्या है इसके पीछे की कहानी

उत्तराखंड के टिहरी जिले का एक गांव है जिसका नाम लेने से लोग घबराते थे। इस गांव का नाम खूनी गांव था जिसे बदलकर धामी सरकार ने देवीग्राम कर दिया है। क्या है इस गांव की कहानी, क्यों पड़ा इसका ऐसा नाम, जानिए...

खूनी गांव की कहानी- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO (FACEBOOK) खूनी गांव की कहानी

उत्तराखंड में कई ऐसे गांव हैं जो अपनी सुंदरता के साथ-साथ अनोखे नामों के कारण भी जाने जाते हैं। पिथौरागढ़ का ही एक गांव है जिसे ‘खूनी गांव’ (Khooni Village) कहा जाता है। लेकिन इस खूनी गांव का अब नाम बदल गया है और उत्तराखंड की सरकार ने अब उसका नाम बदलकर ‘देवीग्राम’ कर दिया है। लंबे समय से इस गांव के लोग अपने गांव का नाम बदलने की मांग कर रहे थे क्योंकि, इस खौफनाक नाम की वजह से इस गांव के बड़े, बच्चे और बूढे सभी मानसिक रूप से परेशान कर रखा था। अब लोगों को इस नाम से छुटकारा मिल गया है और गांव का नया नाम भी मिल गया है।

ओएनजीसी के पूर्व महाप्रबंधक ललित मोहन जोशी ने इस अजीबोगरीब गांव के नाम को बदलने की मांग की थी और गांव को एक बेहतर पहचान दिलाने के लिए ग्रामीणों के साथ कई काम किए थे। खूनी गांव के लोगों ने भी सालों से अपने गांव के नाम को बदलने के लिए प्रयास किए। इसके लिए ग्रामीणों ने सांसद अजय टम्टा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने अपनी परेशानी रखी थी, जिसके बाद उत्तराखंड की धामी सरकार ने 18 अगस्त को गृह मंत्रालय की सहमति के बाद खूनी गांव का नाम बदलकर ‘देवीग्राम’ करने की अधिसूचना जारी की। 

 

इस गांव का नाम खूनी गांव कैसे पड़ा?

खूनी गांव में लगभग 60 परिवार रहते हैं और गांव की आबादी करीब 380 है। हालांकि इस गांव के नाम से संबंधित कोई सटीक दस्तावेज तो नहीं हैं, लेकिन ग्रामीण अपने गांव के नाम को लेकर कई तरह की प्रचलित कहानियां बताते हैं। लोग बताते हैं कि ब्रिटिश काल में यहां कुछ अंग्रेज आए और स्थानीय लोगों पर अत्याचार करने लगे। लेकिन गांव के लोग अंग्रेजों के सामने झुके नहीं उन्होंने काफी बहादुरी से मुकाबला किया और इस संघर्ष में काफी खून बहा। कहते हैं इसी खूनी संघर्ष के कारण गांव का नाम ‘खूनी गांव’ रखा गया। बुजुर्ग बताते हैं कि बहुत पहले यहां कई अलौकिक और अप्रिय घटनाएं हुई थीं, जिससे इस गांव के नाम को लेकर कई खौफनाक कहानियां प्रचलित हैं। 
 

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