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कौन हैं Dilip Singh Judeo, आज RSS प्रमुख मोहन भागवत प्रतिमा का करेंगे अनावरण

छत्तीसगढ़ की राजनीति में दिलीप सिंह जूदेव घर वापसी अभियान का चेहरा माने जाते हैं। दिलीप सिंह जूदेव जशपुर राजपरिवार से थे और राज्य में बीजेपी के बड़े नेता रहे।

भाजपा के पूर्व सांसद दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव - India TV Hindi Image Source : FACEBOOK भाजपा के पूर्व सांसद दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव

Dilip Singh Judeo: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत छत्तीसगढ़ के अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि भागवत अपने दौरे के दौरान आदिवासी बहुल जशपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। आरएसएस की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रांत प्रचार प्रमुख कनीराम ने कहा कि भागवत आज प्रतिमा का अनावरण करेंगे और जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर एक जनसभा को संबोधित करेंगे। 

घर वापसी अभियान का रहे चेहरा
आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है। बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में दिलीप सिंह जूदेव घर वापसी अभियान का चेहरा माने जाते हैं। दिलीप सिंह जूदेव ने अपने राजनीतिक सफर के दौरान बड़ी संख्या में आदिवासियों को ईसाई से हिंदू धर्म में वापसी कराई। माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम से हिंदुत्व और धर्मांतरण को लेकर प्रदेश की जनता को बड़ा मैसेज देने की तैयारी की गई है।

दोनों सदनों में सांसद और अटल सरकार में मंत्री
दिलीप सिंह जूदेव जशपुर राजपरिवार से थे और राज्य में बीजेपी के बड़े नेता रहे। वह बिलासपुर से दो बार लोकसभा सांसद और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे। साथ ही वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। अब जब राज्य में भाजपा दोबारा सत्ता वापस पाने की जुगत में लगी है तो पार्टी को दिलीप सिंह जूदेव की कमी महसूस हो रही है।

नमस्कार की जगह जय जूदेव कहने की प्रथा
दिलीप सिंह जूदेव आदिवासियों के बीच खासे लोकप्रिय थे। आदिवासियों के बीच दिलीप सिंह जूदेव का प्रभाव इतना था कि आज भी आदिवासी आपस में मिलते वक्त नमस्कार की जगह जय जूदेव कहते हैं। जूदेव जी हमेशा से ईसाई मिशनरी और धर्मांतरण के विरोध में रहे। अपने जीवन के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रम आयोजित करके आदिवासियों की घर वापसी कराई थी, जिसके चलते वह बीजेपी की घर वापसी मुहिम के चेहरा बन गए थे। साल 2013 में लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दिलीप सिंह जूदेव का निधन हो गया था।

 

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