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अटल सुरंग हिमाचल, लद्दाख के लोगों के लिए वरदान साबित होगा: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि रोहतांग में निर्मित दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के लोगों के लिए वरदान साबित होने वाला है।

Atal tunnel to be a major boon for people of Himachal, Ladakh, says Amit Shah- India TV Hindi Image Source : PTI Atal tunnel to be a major boon for people of Himachal, Ladakh, says Amit Shah

नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि रोहतांग में निर्मित दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के लोगों के लिए वरदान साबित होने वाला है। इससे न सिर्फ देश की सामरिक तैयारियों को बल मिलेगा बल्कि क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य, व्यापार और अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर निर्मित अटल सुरंग का आज उद्घाटन किया। 

मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ने वाली 9.2 किलोमीटर लंबी अटल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह सुरंग हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर अति-आधुनिक विशिष्टताओं के साथ बनाई गई है। 

शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘अटल सुरंग पूरे क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी। लोगों को अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, व्यवसाय के मौके और आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध हो सकेंगी। यह हमारी रक्षा तैयारियों को बल देने के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा भी देगा।’’ 

उन्होंने कहा कि आज का दिन पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदृष्टि सच हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना अटल सुरंग के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। इस अभुतपूर्व परियोजना को पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन को भी बहुत बहुत बधाई।’’ 

शाह ने कहा कि यह दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है जो लेह और मनाली के बीच यात्रा के समय में चार से पांच घंटे की कमी लाएगी। इस सुरंग से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। अटल सुरंग को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्‍व के लिए डिजाइन किया गया है। 

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसम्बर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था। 

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