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Hindi News भारत राजनीति केसी त्यागी ने कहा, 'चिराग पासवान NDA के सबसे बड़े दुश्मन रहे, खुद बर्बाद हुए हमें भी नुकसान पहुंचाया'

केसी त्यागी ने कहा, 'चिराग पासवान NDA के सबसे बड़े दुश्मन रहे, खुद बर्बाद हुए हमें भी नुकसान पहुंचाया'

बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता केसी त्यागी का बड़ा बयान आया है। केसी त्यागी ने चिराग पासवान पर सीधा हमला किया और कहा कि चिराग पासवान एनडीए के सबसे बड़े दुश्मन रहे।

Chirag Paswan- India TV Hindi Image Source : PTI Chirag Paswan

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्‍ता केसी त्यागी का बड़ा बयान आया है। केसी त्यागी ने चिराग पासवान पर सीधा हमला किया और कहा कि चिराग पासवान एनडीए के सबसे बड़े दुश्मन रहे। चिराग खुद बर्बाद हुए और उन्हें भी बर्बाद कर दिया। केसी त्यागी ने कहा कि बिहार एनडीए का मतलब नीतीश कुमार है। पीएम मोदी से लेकर जेपी नड्डा तक सबने ये साफ किया है कि नीतीश ही मुख्यमंत्री बनेंगे।

केसी त्यागी ने कहा, हमारे खिलाफ बड़ी साजिशें थी। हमारे अपने भी और पराये भी सबका एजेंडा था नीतीश हटाओ, उनके खिलाफ अभियान चलाओ, 15 साल के कामों को नकारो और बिहार को अंधेरे युग में लेकर चले जाओ। उन्होंने कहा, इसमें हमारे विरोधी तो लगे थे और हमारे एक सहयोगी ने भी इसमें काम किया। लेकिन हमारे 15 साल के काम सब चीजों पर भारी पड़े और अंत मे एनडीए की जीत हुई। आगे उन्होंने कहा, चिराग पासवान ने जिस निम्न स्तर पर जाकर चुनाव प्रचार किया और नीतीश कुमार के खिलाफ जिस भाषा का इस्तेमाल किया, प्रधानमंत्री के और भाजपा के नाम को लेकर उन्होंने जो कलाबाजियां की उससे वे खुद तो बर्बाद हुए ही साथ में हमें काफी सीटों पर नुकसान पहुंचाने का काम किया और एनडीए के सबसे बड़े दुश्मन साबित हुए।

बता दें कि बिहार में सत्ता विरोधी लहर और विपक्ष की कड़ी चुनौती को पार करते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राजग ने बिहार में बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल हासिल कर लिया। सत्तारूढ़ गठबंधन ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 125 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि विपक्षी महागठबंधन ने 110 सीटें जीतीं। इसके साथ की कुमार के लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की राह साफ हो गई है। हालांकि इस बार उनकी पार्टी जदयू को 2015 जैसी सफलता नहीं मिली है। जदयू को 2015 में मिली 71 सीटों की तुलना में इस बार 43 सीटें ही मिली हैं।

उस समय कुमार ने लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव जीता था। इस बार राजद 75 सीटें अपने नाम करके सबसे बड़ी एकल पार्टी के रूप में उभरी है। मतगणना के शुरुआती घंटों में बढ़त बनाती नजर आ रही भाजपा को 16 घंटे चली मतों की गणना के बाद 74 सीटों के साथ दूसरा स्थान मिला। जदयू को चिराग पासवान की लोजपा के कारण काफी नुकसान झेलना पड़ा है। लोजपा को एक सीट पर जीत मिली, लेकिन उसने कम से कम 30 सीटों पर जदयू को नुकसान पहुंचाया।

भाजपा की 74 और जदयू की 43 सीटों के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन साझीदारों में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को चार और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार सीटें मिलीं। विपक्षी महागठबंधन में राजद को 75, कांग्रेस को 19, भाकपा माले को 12 और भाकपा एवं माकपा को दो-दो सीटों पर जीत मिली। इस चुनाव में एआईएमआईएम ने पांच सीटें और लोजपा एवं बसपा ने एक-एक सीट जीती है। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में सफल रहा है।

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