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Hindi News भारत राजनीति 2019 के लोकसभा चुनाव में देश प्रधानमंत्री मोदी के विकास एजेंडे पर फिर मुहर लगाएगा: धर्मेन्द्र प्रधान

2019 के लोकसभा चुनाव में देश प्रधानमंत्री मोदी के विकास एजेंडे पर फिर मुहर लगाएगा: धर्मेन्द्र प्रधान

धर्मेंद्र प्रधान का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले एक्जिट पोल में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति और राजस्थान में हार का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था।

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नई दिल्ली: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन बनाने के विपक्ष के प्रयासों के बीच केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेन्द्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का एजेंडा विकास बन चुका है और 2019 के चुनाव में देश मोदी के विकास एजेंडे पर फिर मुहर लगाएगा। धर्मेन्द्र प्रधान ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान जैसे हिन्दी पट्टी के राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की फिर जीत का दावा किया। उन्होंने कहा, ‘‘ये तीन राज्य भाजपा के लिए परंपरागत राज्य हैं जहां पार्टी अपने काम की बदौलत जीत दर्ज करती रही है।’’

प्रधान का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले एक्जिट पोल में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति और राजस्थान में हार का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था। यह पूछे जाने पर कि इन राज्यों के परिणाम का क्या प्रभाव पड़ेगा, भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हर चुनाव दूसरे चुनाव को प्रभावित करता है। भारतीय राजनीति में 2014 के बाद बदलाव आया है और अब विकास एजेंडे में शीर्ष पर आ गया है। साल 1990 के बाद ऐसा दौर भी था, जब देश ने गठबंधन का अनुभव किया।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा, ‘‘अब देश के एजेंडे पर विकास आ गया है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में विकास प्रमुख एजेंडा होगा।’’ उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय दल और सरकार के ट्रस्टी होने के नाते हमारा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के एजेंडे को फिर जनादेश मिलेगा।

राजनीति में भाषा की मर्यादा और भाजपा, कांग्रेस समेत सभी दलों के नेताओं के अमर्यादित शब्दों के प्रयोग के बारे में एक सवाल के जवाब में धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि मर्यादा का उल्लंघन साल 2013 में प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान हुआ था जब सरकार के एक अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया गया। लेकिन इसके बावजूद हमारा मानना है कि राजनीतिक संवाद में मर्यादा नहीं टूटनी चाहिए।

तेल की कीमतों के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार इसका ध्यान रख रही है। तेल की कीमतों के संबंध में हम एक बाजार व्यवस्था से जुड़ गए हैं, इसका भी प्रभाव देखने को मिलता है। हाल ही में तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक की बैठक में सऊदी अरब के तेल मंत्री ने कहा था कि वह तेल की कीमतों के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचारों को ध्यान में रखेंगे। यह सरकार के प्रयासों को दर्शाता है।

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