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अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू में फिर ठनी, हरीश रावत अगले हफ्ते करेंगे चंडीगढ़ का दौरा

रावत का चंडीगढ़ दौरा आने वाले दिनों में पंजाब मंत्रिमंडल में होने वाले संभावित फेरबदल के मद्देनजर भी मायने रखता है। राज्य मंत्रिमंडल में एक पद खाली है।

Harish Rawat to visit Chandigarh next week amid power tussle in Punjab- India TV Hindi Image Source : PTI पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।

चंडीगढ़: पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की सोनिया गांधी से मंगलवार को मुलाकात महज औपचारिकता नहीं थी, बल्कि नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के रवैये को लेकर कैप्टन ने नाराज़गी जताई है। इसी के मद्देनजर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत के अगले हफ्ते चंडीगढ़ आने की संभावना है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पंजाब सरकार और पार्टी की प्रदेश इकाई को साथ मिलकर काम करने की सलाह दी थी। सोनिया ने रावत से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि सिंह और सिद्धू अपनी-अपनी सीमाओं में रह कर काम करें, लेकिन एक-दूसरे का सहयोग करें। 

अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की थी और उन्हें पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडा पर हुई प्रगति से अवगत कराया था। समझा जाता है कि उन्होंने सिद्धू द्वारा राज्य सरकार को लगातार निशाना बनाये जाने के बारे में भी पार्टी अध्यक्ष को बताया था। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने मादक पदार्थों पर विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की रिपोर्ट पर कार्रवाई में विलंब को लेकर सोमवार को पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा था। 

सिद्धू, पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडा को लागू करने पर जोर देते आ रहे हैं। इसमें 2015 में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी पर कार्रवाई, मादक पदार्थों के बड़े तस्करों की गिरफ्तारी तथा केंद्र के नये कृषि कानूनों को खारिज किया जाना शामिल है। सिंह के कड़े विरोध के बावजूद सिद्धू को पिछले महीने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 

रावत का चंडीगढ़ दौरा आने वाले दिनों में पंजाब मंत्रिमंडल में होने वाले संभावित फेरबदल के मद्देनजर भी मायने रखता है। राज्य मंत्रिमंडल में एक पद खाली है। यह 2019 में सिद्धू के मंत्री के तौर पर इस्तीफा देने से खाली हुआ था। सूत्रों ने बताया कि दलित समुदाय से आने वाले विधायक राज कुमार वेरका और पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा के. पी. सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। 

समझा जाता है कि बुधवार को सिद्धू द्वारा नियुक्त किये गये चार सलाहकारों में शामिल भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मुस्तफा, पंजाब में कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं। मुस्तफा ने अन्य आईपीएस अधिकारियों के साथ, 2019 में अमरिंदर सिंह नीत सरकार द्वारा आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता को पुलिस महानिदेशक नियुक्त किये जाने के फैसले को चुनौती दी थी।

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