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बेंगलुरू में बीजेपी विधायकों की आज अहम बैठक, येदियुरप्पा करेंगे सरकार बनाने का दावा पेश

विश्वासमत के जब नतीजे आए तो सदन के अंदर येदियुरप्पा की अगुवाई में बीजेपी विधायक विक्ट्री साइन दिखा रहे थे तो बाहर कार्यकर्ताओं की टोली नाच रही थी। हालांकि इससे पहले कर्नाटक विधानसभा में कल भी पूरे दिन विश्वासमत पर वोटिंग से कांग्रेस-जेडीएस विधायकों ने बचने की खूब कोशिश की।

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नई दिल्ली: कर्नाटक का सियासी संकट खत्म हो गया है और अब वहां फिर से बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। आज बेंगलुरू के रामादा होटल में बीजेपी विधायकों की बैठक होगी जिसमें बीएस येदियुरप्पा को विधायक दल का नेता चुना जाएगा जिसके बाद वो राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बैठक से पहले बेंगलुरू में येदियुरप्पा से मुलाकात करने वालों का तांता लगा है। पार्टी के नेता और जाने-माने लोग उन्हें बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं।

आज ही येदियुरप्पा दिल्ली भी पहुंचेंगे जहां वो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। दिल्ली से बेंगलुरू लौटने पर वो कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और शुक्रवार को विश्वासमत हासिल करेंगे। बताया जा रहा है कि सोमवार को येदियुरप्पा अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। 

बता दें कि कल कुमारस्वामी की सरकार को विश्वासतमत हासिल नहीं हुआ था। कुमारस्वामी के विश्वासमत के पक्ष में केवल 99 विधायकों का समर्थन मिला जबकि उसके खिलाफ में 105 विधायकों ने वोट दिया। बहुमत साबित नहीं करने के बाद बाद कुमारस्वामी की सरकार गिर गई।

विश्वासमत के जब नतीजे आए तो सदन के अंदर येदियुरप्पा की अगुवाई में बीजेपी विधायक विक्ट्री साइन दिखा रहे थे तो बाहर कार्यकर्ताओं की टोली नाच रही थी। हालांकि इससे पहले कर्नाटक विधानसभा में कल भी पूरे दिन विश्वासमत पर वोटिंग से कांग्रेस-जेडीएस विधायकों ने बचने की खूब कोशिश की लेकिन आखिरकार स्पीकर रमेश कुमार ने विश्वासमत पर वोटिंग कराई।

वोटिंग भी एक-एक विधायकों को खड़ा करवाकर कराई गई। 99 के फेर में फंसी कुमारस्वामी सरकार बहुमत साबित नहीं कर सकी। कुमारस्वामी को बीएसपी के इकलौते विधायक का भी समर्थन नहीं मिला। हालांकि इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अपने विधायक को पार्टी से निकाल दिया। 

वहीं अब कांग्रेस के बागी विधायकों पर भी व्हिप के उल्लंघन करने पर डिस्क्वालिफिकेशन की प्रक्रिया चलाई जा सकती है। कुमारस्वामी ने अपनी सरकार बचाने की और सदन में अपनी हार को टालने की पूरी कोशिश की। बावजूद इसके फ्लोर टेस्ट में वो नाकाम रहे। हालांकि कर्नाटक में सियासी खेल अभी खत्म नहीं हुआ है क्योंकि जिन तरीकों से बीजेपी सत्ता में वापस आई है। विरोधी भी अब वही हथकंडे अपनाएंगे और जो नई सरकार बनेगी, उसको भी गिराने की कोशिशें शुरू होगीं।

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