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Hindi News भारत राजनीति नौकरियां खत्म करने वाले प्रधानमंत्री हैं मोदी, रोजगार होगा देश का एजेंडा: कांग्रेस

नौकरियां खत्म करने वाले प्रधानमंत्री हैं मोदी, रोजगार होगा देश का एजेंडा: कांग्रेस

कांग्रेस ने देश में बेरोजगारी के भयावह स्तर पर पहुंचने का दावा करते हुए बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी नौकरियां खत्म करने वाले प्रधानमंत्री हैं। साथ ही पार्टी ने कहा कि इस चुनाव में रोजगार ही देश का एजेंडा होगा।

<p>randeep surjewala</p>- India TV Hindi randeep surjewala

नई दिल्ली: कांग्रेस ने देश में बेरोजगारी के भयावह स्तर पर पहुंचने का दावा करते हुए बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी नौकरियां खत्म करने वाले प्रधानमंत्री हैं। साथ ही पार्टी ने कहा कि इस चुनाव में रोजगार ही देश का एजेंडा होगा।

राहुल गांधी की आज की घोषणा की पृष्ठभूमि में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि सरकार बनने पर 33 फीसदी आरक्षण के जरिए सरकारी नौकरियों में महिलाओं की समुचित भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी तथा रोजगार सृजन को सबसे बड़ा लक्ष्य बनाकर काम किया जाएगा। सुरजेवाला ने कहा, ''अगर रोजगार नहीं तो भाजपा को वोट नहीं। 2019 का यही मंत्र है।'' उन्होंने आरोप लगाया, ''मोदी सरकार इस देश में बेरोजगारी का पर्यायवाची बन गई है। मोदी 2 करोड़ नौकरियां देने के वादा करके आए थे, लेकिन बेरोजगारी अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।''

सुरजेवाला ने दावा किया, ''रोटी नहीं है, रोजगार नहीं है। युवा पढेलिखे हैं और वो आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिल रहे हैं। मोदी जी नौकरियों को खत्म करने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं।'' उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने फरवरी, 2018 में स्वीकार किया कि रोजगार की स्थिति ठीक नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि रेलवे में 90 हजार नौकरियां निकली और दो करोड़ 80 लाख लोगों ने आवेदन दिया। यह देश में बेरोजगारी की स्थिति है।

उन्होंने कहा, ''भारत में हर साल 1.2 करोड़ नौकरियों के सृजन की जरूरत है। कांग्रेस रोजगार सृजन को लेकर प्रतिबद्ध है। सरकार बनाने के बाद हम कृषि क्षेत्र, छोटे एवं मझोले कारोबारों को मजबूती प्रदान करेंगे।'' उन्होंने कहा कि रोजगार पैदा करना कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए सबसे बड़ा लक्ष्य है। सुरजेवाला ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की आज की घोषणा का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव बाद सरकार बनने पर सार्वजनिक उपक्रमों एवं राज्य सरकारों की नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो कानून का सहारा भी लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोजगार इस देश में सबसे बड़ा भावनात्मक मुद्दा है।

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