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कौन बनाएगा महाराष्ट्र में सत्ता का नया समीकरण? आधी रात विधायकों से मिले आदित्य ठाकरे

महाराष्ट्र में नयी सरकार के गठन को लेकर इंतजार और लंबा हो गया है। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर यानी शनिवार को समाप्त हो रहा है। इसके बाद राज्यपाल को संवैधानिक पहलुओं पर विचार करना पड़ेगा लेकिन उसके पहले अब पार्टियों का ये डर सता रहा है कि उनके विधायकों को कहीं बीजेपी तोड़ ना दे।

कौन बनाएगा महाराष्ट्र में सत्ता का नया समीकरण? आधी रात विधायकों से मिले आदित्य ठाकरे- India TV Hindi Image Source : ANI PHOTO कौन बनाएगा महाराष्ट्र में सत्ता का नया समीकरण? आधी रात विधायकों से मिले आदित्य ठाकरे

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में नयी सरकार के गठन को लेकर इंतजार और लंबा हो गया है। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर यानी शनिवार को समाप्त हो रहा है। इसके बाद राज्यपाल को संवैधानिक पहलुओं पर विचार करना पड़ेगा लेकिन उसके पहले अब पार्टियों का ये डर सता रहा है कि उनके विधायकों को कहीं बीजेपी तोड़ ना दे। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे देर रात मुंबई के रंग शारदा होटल पहुंचे, जहां शिवसेना के विधायक ठहरे हुए हैं। अगर महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनी तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है लेकिन बावजूद इसके सत्ता के सबसे बड़े दो दावेदार अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं।

वहीं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह बीजेपी के साथ गठबंधन खत्म नहीं करना चाहते लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच बनी सहमतियों को लागू कराना चाहते हैं। ठाकरे के आवास मातोश्री पर हुई बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन पर अंतिम निर्णय लेने के लिए शिवसेना विधायकों ने उन्हें अधिकृत किया। उसके बाद पार्टी के सभी विधायकों को बांद्रा के एक होटल में भेज दिया गया।

अब महाराष्ट्र की राजनीति के रंगमंच का नया पता है रंग शारदा होटल। यहीं है शिवसेना विधायकों का नया पता। शिवसेना का यह कदम संकेत देता है कि उसे बीजेपी के साथ चल रहे गतिरोध के बीच अपने विधायकों को तोड़े जाने की कोशिशों की आशंका है। बीजेपी भी कम बेचैन नहीं है। सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बना नहीं पा रही है इसलिए हर दूसरे दिन राज्यपाल भवन की दौड़ लगा रही है। 

बस 24 घंटे का वक्त बचा है और उसके बाद सबकुछ राज्यपाल को तय करना है। जो डर बीजेपी से शिवसेना को लग रहा है, वही डर कांग्रेस को भी सता रहा है। खबर है कि कांग्रेस भी अपने विधायकों का नया पता तय कर रही है। नए विधायक इस बार शिवसेना में भी बहुत सारे चुनकर आए हैं और कांग्रेस में भी। दोनों को डर है, बीजेपी का सियासी चुंबक कहीं उन्हें अपनी ओर ना खींच ले।

महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सरकार गठन को लेकर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। शिवसेना कुछ भी बोले लेकिन गोवा और कर्नाटक एपिसोड के बाद डर तो लगता ही है। 9 तारीख को अगर सरकार का हल नहीं निकला तो उसके बाद देवेंद्र फडणवीस भूतपूर्व हो जाएंगे।

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