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Hindi News भारत राजनीति बारामती के लोगों को भरोसा, NCP संकट का समाधान कर लेंगे शरद पवार

बारामती के लोगों को भरोसा, NCP संकट का समाधान कर लेंगे शरद पवार

बारामती के गांव काटेवाड़ी के एक निवासी ने कहा, “अजित पवार ने शनिवार को जब भाजपा के साथ हाथ मिलाकर उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो बारामती में कहीं कोई जश्न नहीं मनाया गया।”

NCP Chief Sharad Pawar - India TV Hindi Image Source : PTI NCP Chief Sharad Pawar 

पुणे। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए राकांपा नेता अजित पवार द्वारा भाजपा को समर्थन देने के बाद बने राजनीतिक हालात के मद्देनजर बारामती के लोगों को लगता है कि राकांपा प्रमुख शरद पवार अपनी पार्टी के मौजूदा संकट का समाधान कर लेंगे। बारामती को पवार परिवार का मजबूत गढ़ माना जाता है।

अजित पावर राकांपा प्रमुख के भतीजे हैं और इस बार विधानसभा चुनाव में पुणे की बारामती सीट से रिकॉर्ड 1.65 लाख वोट के अंतर से जीते हैं। उन्होंने शनिवार को भाजपा से हाथ मिला लिया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बारामती के कुछ स्थानीय लोगों ने अजित पवार के फैसले से नाखुशी जताई है, और अन्य को उम्मीद है कि शरद पवार हालत से निपटने में सक्षम होंगे और अपने भतीजे को वापस राकांपा में ले आएंगे।

बारामती के 35 वर्षीय एक नागरिक ने कहा, “अजित पवार का फैसला गलत है लेकिन हमें उम्मीद है कि बड़े (शरद) पवार उन्हें वापस पार्टी में ले आएंगे।” बारामती के गांव काटेवाड़ी के एक निवासी ने कहा, “अजित पवार ने शनिवार को जब भाजपा के साथ हाथ मिलाकर उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो बारामती में कहीं कोई जश्न नहीं मनाया गया।”

मुंबई में शनिवार को हुए इस नाटकीय घटनाक्रम के तुरंत बाद बारामती में शरद पवार के समर्थन में बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगा दी गईं, लेकिन कुछ घंटों बाद ही स्थानीय निकाय ने इसे हटा दिया। पुलिस ने कहा कि बैनर इसलिए हटाए गए क्योंकि इन्हें लगाने से पहले नगर परिषद् की अनुमति नहीं ली गई थी।

राकांपा के एक कार्यकर्ता ने कहा कि बैनर इसलिए हटाए गए ताकि पवार परिवार में “विभाजन” खुलकर सामने न आए। जब एक कार्यकर्ता से पूछा गया कि दोनों पवार में वह किसे चुनेंगे तो उसने उम्मीद जताई कि “सबकुछ ठीक हो जाएगा और अजित दादा वापस पार्टी में आ जाएंगे।” बारामती के एक अन्य निवासी ने कहा कि अगर उन्होंने कोई फैसला किया है, तो उसकी कुछ वजह होगी। उस व्यक्ति ने कहा, “उन्होंने (अजित) फैसला किया है, हम उनके साथ हैं।”

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