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Hindi News भारत राजनीति चीन और नेपाल सीमा विवाद पर आया मायावती का बड़ा बयान, दी यह नसीहत

चीन और नेपाल सीमा विवाद पर आया मायावती का बड़ा बयान, दी यह नसीहत

चीन और नेपाल सीमा विवाद को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भाजपा और कांग्रेस के चल रहे आरोप-प्रत्यारोप पर निशाना साधा। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में ही सोचने की सलाह दी है।

Mayawati on border dispute with China and Nepal- India TV Hindi Image Source : PTI Mayawati on border dispute with China and Nepal

लखनऊ: चीन और नेपाल सीमा विवाद को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भाजपा और कांग्रेस के चल रहे आरोप-प्रत्यारोप पर निशाना साधा। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में ही सोचने की सलाह दी है। मायावती ने मंगलवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा, "चीन के साथ ही दूसरे पड़ोसी देश नेपाल के साथ भी सीमा विवाद अब काफी गंभीर रूप धारण करता जा रहा है। ऐसे में देश की सभी राजीतिक पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में ही सोचना चाहिए। साथ ही, ऐसे मामलों में यदि केन्द्र सरकार सबको विश्वास में लेकर चले तो यह बेहतर होगा।"

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा,"यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कोरोना महामारी के चलते जब देश की जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है तब भी खासकर बीजेपी व कांग्रेस इसकी आड़ में घिनौनी राजनीति कर रहीं हैं तथा अब चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर भी इनमें आरोप-प्रत्यारोप जारी है, जो देशहित में उचित नहीं है।"

गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट के दौर में सरकार और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। इसे लेकर सियासत हर रोज आगे बढ़ रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं और जवाब में सरकार व भाजपा नेताओं की तरफ से राहुल पर निशाना साधा जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार चीनी सेना क्रमबद्ध तरीके से अपने रणनीतिक साजो सामान को वास्तविक नियंत्रण रेखा स्थित ठिकानों पर जमा कर रही है। इनमें तोप, बख्तरबंद गाड़ियां, भारी सैन्य उपकरण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि चीन ने उत्तरी सिक्किम और उत्तराखंड से लगती एलएसी सीमा पर भी सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है जिसके जवाब में भारत ने भी अतिरिक्त जवानों की इलाके में तैनाती की है।

दोनों सेनाओं के बीच उस समय गतिरोध शुरू हुआ जब भारत द्वारा गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी के साथ-साथ पेगोंग झील के आसपास फिंगर इलाके में महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण शुरू किया गया और चीन ने इसका विरोध किया। पूर्वी लद्दाख में उस समय स्थिति और बिगड़ गई जब पांच और छह मई को 250 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक आमना-सामना हुआ।

पेगोंग त्सो की तरह की घटना नौ मई को उत्तर सिक्किम में भी हुई। उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण को लेकर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश के हिस्सों को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताकर दावा करता है जबकि भारत पहले ही इस दावे को खारिज कर चुका है। 

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