A
Hindi News भारत राजनीति फारूक अब्दुल्ला ने कहा- जम्मू-कश्मीर में जब भी चुनाव होंगे, नेशनल कॉन्फ्रेंस मैदान में उतरेगी

फारूक अब्दुल्ला ने कहा- जम्मू-कश्मीर में जब भी चुनाव होंगे, नेशनल कॉन्फ्रेंस मैदान में उतरेगी

अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए संघर्ष की खातिर प्रतिबद्ध है।

Farooq Abdullah, Farooq Abdullah National Conference, National Conference- India TV Hindi Image Source : PTI नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जब कभी चुनाव होंगे, हम चुनाव लड़ेंगे।

श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए संघर्ष की खातिर प्रतिबद्ध है तथा केंद्र शासित प्रदेश में जब भी चुनाव होंगे, उनकी पार्टी मैदान में उतरेगी। अब्दुल्ला श्रीनगर में पार्टी के संस्थापक और अपने पिता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 39वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों निरस्त कर दिया था और जम्मू-कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।

‘जब कभी चुनाव लड़ेंगे, हम चुनाव लड़ेंगे’
बता दें कि अनुच्छेद 370 के तहत तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था। अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए संघर्ष की खातिर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं मालूम कि चुनाव कब होंगे, लेकिन इस संबंध में हमारी राय स्पष्ट है। जम्मू-कश्मीर में जब कभी चुनाव होंगे, हम चुनाव लड़ेंगे।’ तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण किए जाने के संबंध में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वे (तालिबान) मानवाधिकारों का सम्मान करेंगे और सभी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों पर जोर देंगे।

‘उम्मीद है तालिबान अच्छा शासन देंगे’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘तालिबान ने नियंत्रण कर लिया है, और अब उन्हें देश की देखभाल करनी है। मुझे उम्मीद है कि वे सभी के साथ न्याय करेंगे उन्हें सभी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों पर जोर देना चाहिए।’ इस बीच अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के गठन पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि तालिबान इस्लामिक उसूलों के आधार पर अच्छी तरह से सरकार चलाएगा। उन्होंने कहा, ‘तालिबान को मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और इस्लामी सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही बाकी दुनिया के साथ अच्छे संबंध बनाने चाहिए।’

Latest India News