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Hindi News भारत राजनीति जम्मू कश्मीर को लेकर PAK की सनक उसकी विदेश नीति को एक मुद्दे तक समेट देती है: सलमान खुर्शीद

जम्मू कश्मीर को लेकर PAK की सनक उसकी विदेश नीति को एक मुद्दे तक समेट देती है: सलमान खुर्शीद

वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि जम्मू कश्मीर को लेकर अपनी सनक के चलते पाकिस्तान की विदेश नीति एक मुद्दे पर सिमट गई है और उसे एवं इस क्षेत्र के अन्य देशों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है एवं दक्षेस की संभावनाएं धरी की धरी रह गईं।

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नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि जम्मू कश्मीर को लेकर अपनी सनक के चलते पाकिस्तान की विदेश नीति एक मुद्दे पर सिमट गई है और उसे एवं इस क्षेत्र के अन्य देशों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है एवं दक्षेस की संभावनाएं धरी की धरी रह गईं। पूर्व विदेश मंत्री (66) का कहना है कि इसी प्रकार, खतरे की धारणा और लंबी एवं निर्णायक युद्ध की आशंका के चलते भारत इतना चौंकन्ना रहता है कि बदलते विश्व में बड़ी भूमिका निभाने के प्रति उसका ध्यान नहीं जाता।

रूपा पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित अपनी नई पुस्तक ‘विजएबल मुस्लिम इनविजएबल सिटीजन-अंडस्टैंडिंग इस्लाम इन इंडियन डेमोक्रेसी’ में लेखक ने कहा है कि पाकिस्तान की विरासत या (पाकिस्तान का) अधूरा एजेंडा कश्मीर में गहराते संघर्ष में सबसे अधिक नजर आता है।

खुर्शीद ने कहा, ‘‘दुश्मन के कठिन और दुर्भावनापूर्ण प्रयास के बावजूद संघर्ष इस्लाम को लेकर नहीं बल्कि कश्मीरियत को लेकर है।’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘कई मायने से, भारत और कश्मीर लोगों की आकांक्षाओं के बीच समायोजन कुछ ले-देकर शायद संभव था लेकिन एक सोच यह भी रही है कि पाकिस्तान की भी भूमिका है और साथ ही, अनुकूल परिणाम की उम्मीदें भी थीं। ’’

कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान की भूमिका का उल्लेख करते हुए खुर्शीद ने कहा कि पाकिस्तान को भारत की ऐतिहासिक आकांक्षाओं और रणनीतिक चिंताओं पर वीटो नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘यह बिल्कुल जरुरी है कि हम देश में अपने ही भाइयों के साथ शांति कायम करें, भले ही वे कितना ही मोहभंग महसूस क्यों न करे। यह हमारी समस्या है और पाकिस्तान को खुलेआम या अप्रत्यक्ष रूप से दखल नहीं देने की बात मान लेनी चाहिए।’’

कांग्रेस नेता ने लिखा है कि हैरान करने वाली बात है कि पाकिस्तान अब भी यह स्वीकार नहीं कर पाता कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि पाकिस्तान न केवल भारत के मुसलमानों बल्कि पिछले पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली मुसलमानों के तर्क को भी नहीं स्वीकार करना चाहता।

खुर्शीद ने लिखा है, ‘‘बांग्लादेश के बावजूद , हैरान करने वाली बात है कि पाकिस्तान अब भी यह स्वीकार नहीं कर पाता कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत के बाकी भागों के मुसलमानों के लिए जम्मू कश्मीर किसी भी मायने में कम नहीं है यानी भारत की व्याख्या का अहम हिस्सा है। वैसे तो यह पुस्तक सूफीवाद, तीन तलाक और सांप्रदायिक हिंसा जैसे विविध विषयों को समेटती है लेकिन यह अनिवार्य तौर पर इस्लाम, और मुसलमान खासकर भारतीय मुसलमानों को लेकर है।

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