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काश, टीशर्ट की मार्केटिंग में व्यस्त भाजपा नेता शिक्षामित्रों पर ध्यान देते: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा।

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नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। सूबे में शिक्षामित्रों की मांगों को लेकर राज्य सरकार और बीजेपी पर हमला बोलते हुए प्रियंका ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं को प्रधानमंत्री के समर्थन की अपील वाली टीशर्ट की मार्केटिंग करने के बजाय शिक्षामित्रों की पीड़ा पर ध्यान देना चाहिए। प्रियंका ने कहा कि सड़कों पर उतरने वाले शिक्षामित्रों के साथ राज्य सरकार का बर्ताव बुरा रहा है। 

प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, 'उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की मेहनत का रोज़ अपमान होता है, सैकड़ों पीड़ितों ने आत्महत्या कर डाली। जो सड़कों पर उतरे, सरकार ने उन पर लाठियां चलाई, रासुका के तहत मामला दर्ज किया। भाजपा के नेता टीशर्टों की मार्केटिंग में व्यस्त हैं। काश, वे अपना ध्यान इनकी ओर भी देते।' आपको बता दें कि महासचिव बनाए जाने के बाद से ही प्रियंका भाजपा पर खासी हमलावर हैं। उन्होंने कई मौकों पर भाजपा की सरकारों की नीतियों को लेकर हमला बोला है।

इससे पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका ने रविवार को गन्ना किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा था, 'गन्ना किसानों के परिवार दिनरात मेहनत करते हैं। मगर उत्तर प्रदेश सरकार उनके भुगतान का भी जिम्मा नहीं लेती। किसानों का 10000 करोड़ बकाया का मतलब उनके बच्चों की शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य और अगली फसल सबकुछ ठप हो जाना है। यह चौकीदार सिर्फ अमीरों की ड्यूटी करते हैं, गरीबों की इन्हें परवाह नहीं।'

हालांकि प्रियंका के इस आरोप का मुख्यमंत्री योगी ने जवाब देते हुए कहा, ‘हमारी सरकार जबसे सत्ता में आई है हमने लंबित 57,800 करोड़ का गन्ना बकाया भुगतान किया है। ये रकम कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। पिछली सपा-बसपा सरकारों ने गन्ना किसानों के लिए कुछ नहीं किया जिससे किसान भुखमरी का शिकार हो रहा था। किसानों के ये 'तथाकथित' हितैषी तब कहां थे जब 2012 से 2017 तक किसान भुखमरी की कगार पर था। इनकी नींद अब क्यों खुली है? प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल अब 22 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर हुआ है और बंद पड़ी कई चीनी मिलों को भी प्रदेश में दोबारा शुरू किया गया है। किसान अब खुशहाल हैं।’

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