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जानिए किसे मिलने जा रहा है प्रियंका गांधी का बंगला

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से प्रियंका गांधी को जारी आदेश में कहा गया है कि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद उन्हें मौजूदा आवास ‘35 लोधी स्टेट’ खाली करना पड़ेगा क्योंकि जेड प्लस की श्रेणी वाली सुरक्षा में आवासीय सुविधा नहीं मिलती।

Priyanka Gandhi- India TV Hindi Image Source : FILE Priyanka Gandhi

नई दिल्ली. सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से नयी दिल्ली स्थित बंगला एक अगस्त तक खाली करने को कहा है। उनका ये सरकारी आवास  35 लोधी एस्टेट अब भाजपा के सांसद अनिल बलूनी को आवंटित हुआ है।

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से प्रियंका गांधी को जारी आदेश में कहा गया है कि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद उन्हें मौजूदा आवास ‘35 लोधी स्टेट’ खाली करना पड़ेगा क्योंकि जेड प्लस की श्रेणी वाली सुरक्षा में आवासीय सुविधा नहीं मिलती। सरकार ने पिछले साल नवंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी तथा उन्हें जेड-प्लस श्रेणी सुरक्षा दी थी।

नेहरू गांधी परिवार से ताल्लुक रखनेवाली प्रियंका के बंगले को खाली करने का नोटिस देने के बाद सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले राज्यसभा सांसद बलूनी को शहरी विकास मंत्रालय ने बंगला आवंटित किया गया है। आपको बता दें कि  प्रियंका गांधी को जारी मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि अगर वह अगले महीने में बंगला खाली नहीं करती हैं तो फिर उन्हें नियमों के मुताबिक किराया अथवा क्षतिपूर्ति का भुगतान करना होगा। 

 21 फरवरी, 1997 को प्रियंका गांधी को आवंटित हुआ था  ‘35 लोधी स्टेट’ 

एक अधिकारी ने बताया कि टाइप 6बी का बंगला ‘35 लोधी एस्टेट’ प्रियंका को 21 फरवरी, 1997 को आवंटित किया गया था क्योंकि उस वक्त उन्हें एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी। अधिकारी के मुताबिक जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा में आवास सुविधा का प्रावधान नहीं होता और ऐसे में उन्हें यह बंगला खाली करना पड़ेगा। कांग्रेस ने गांधी परिवार से एसपीजी की सुरक्षा वापस लिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और यह मुद्दा संसद में भी उठाया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को प्रियंका गांधी की सुरक्षा को देखते हुए उनके आवास का आवंटन रद्द करने का फैसला वापस लेना चाहिए। कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा, ‘‘मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि सरकार ने इस कदम के लिए यह समय क्यों चुना। बहरहाल, ध्यान भटकाने के मकसद से उठाए गए कदमों का प्रियंका गांधी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। वह उत्तर प्रदेश की जनता की लड़ाई लड़ने के मिशन पर निकली हैं और रुकने वाली नहीं हैं।’’

एक अधिकारी के अनुसार प्रियंका इस बंगले का 37000 रुपये मासिक किराया दे रही थीं। अधिकारी ने कहा, ‘‘जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति सरकारी आवास का हकदार नहीं होता है। अगर आवास संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीए) गृह मंत्रालय की ओर से किए गए सुरक्षा से जुड़े आकलन के आधार पर कोई सिफारिश करती है तो फिर अपवाद स्वरूप आवास की सुविधा दी जाती है।’’

उन्होंने कहा कि सीसीए ने सात दिसंबर, 2000 को सुरक्षा के आधार पर सरकारी आवासों के आवंटन से जुड़े दिशानिर्देशों की समीक्षा की थी और यह फैसला किया था कि एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के अलावा किसी दूसरे को सुरक्षा के आधार पर आवास की सुविधा नहीं दी जाएगी। अधिकारी ने बताया, ‘‘ऐसे आवंटन बाजार दर पर किए जाते थे जो सामान्य किराए से 50 गुना होता था। फिर जुलाई, 2003 में फैसला हुआ कि यह आवास पाए लोगों से सामान्य किराए का 20 गुना लिया जाए।’’

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