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सोनिया से मिले सचिन पायलट, कैबिनेट में फेरबदल पर बहुत जल्द निर्णय होने की उम्मीद जताई

सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट के तरफ से शीर्ष नेतृत्व को कैबिनेट में बैलेंस रखने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में एससी और एसटी का प्रतिनिधित्व अभी से बढ़ाया जाना चाहिए। सभी वर्गो को सामान प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।

Sachin Pilot Meets Sonia Gandhi, Hopes For Right Decision On Rajasthan- India TV Hindi Image Source : PTI सचिन पायलट ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।

नयी दिल्ली: राजस्थान में मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चल रही अटकलों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और उम्मीद जताई कि इस बारे में बहुत जल्द निर्णय होगा तथा इसमें अनुभव, कामकाज और क्षेत्रीय तथा जातिगत संतुलन को ध्यान में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले पायलट की बुधवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ भी बैठक हुई थी। सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद पायलट ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजस्थान, सरकार, संगठन तथा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई है। मैंने अपने बिंदु रखे हैं। मुझे खुशी है कि कांग्रेस अध्यक्ष सरकार और संगठन के बारे रुचि और फीडबैक ले रही हैं।’’

सचिन पायलट ने कहा, ‘‘सोनिया जी ने एक साल पहले जो समिति बनाई थी, उसका काम पूरा हुआ है। अजय माकन जी और केसी वेणुगोपाल जी अपनी रिपोर्ट देते आ रहे हैं। मुझे लगता है कि एक साल पहले जो बात हमने रखी थी, उस पर कार्रवाई करने की बात आलाकमान कर रहा है और बहुत जल्द निर्णय लिये जाएंगे।’’ निर्णय में देरी से जुड़े एक सवाल के जवाब में पायलट ने कहा, ‘‘विलंब जरूर हुआ है। एआईसीसी और मुख्यमंत्री बात करके फैसला करेंगे लेकिन मुझे लगता है कि चुनाव में 22 महीने बचे हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि मजबूती से चुनाव लड़ें। सबको मान-सम्मान मिले। राजस्थान में हर पांच साल पर सरकार बदलने की परिपाटी को तोड़ना है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में सरकार बनाना जरूरी है।’’

उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल के संदर्भ में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अनुभव, विश्वसनीयता, कामकाज, क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को ध्यान में रखकर कांग्रेस अध्यक्ष फैसला करेंगी। वह उचित समय पर उचित निर्णय लेंगी।’’ उधर, अशोक गहलोत ने भी बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और कहा था कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में फैसला उन्होंने आलाकमान पर छोड़ दिया है। 

गहलोत ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने विचार पार्टी नेतृत्व के समक्ष रखे हैं और आपस में हुई बातचीत के आधार पर जो भी फैसला होगा, वह सबको मंजूर होगा। इससे पहले, अशोक गहलोत की यहां बुधवार को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ लंबी बैठक हुई थी, जिसमें मंत्रिमंडल के विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और राज्य की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चा हुई थी। सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर जल्द ही अंतिम निर्णय होने की संभावना है। 

बता दें कि राजस्थान में 30  कैबिनेट पोस्ट है, जिसमें राज्य में अभी मुख्यमंत्री को मिलाकर इक्कीस कैबिनेट मंत्री है, वहीं नौ पद रिक्त है। इसके अलावा तीन कैबिनेट मंत्रियों को संघटन में नई जिम्मेदारियां दी गई है। राजस्थान सरकार में एक भी दलित मंत्री  नहीं है। एक ओर जहां पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस पार्टी दलितों को लुभाने में लगी है वहीं राजस्थान कैबिनेट में एक भी दलित मंत्री नही है।

सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट के तरफ से शीर्ष नेतृत्व को कैबिनेट में बैलेंस रखने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में एससी और एसटी का प्रतिनिधित्व अभी से बढ़ाया जाना चाहिए। सभी वर्गो को सामान प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। वहीं सचिन पायलट को आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में गुर्जर बहुल इलाकों में कैंपेनिंग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। फिलहाल राज्य में किसी बड़े नेतृत्व परिवर्तन या सचिन पायलट की दिल्ली में किसी तरह का रोल दिए जाने की संभावना कम है।

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