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Hindi News भारत राजनीति फिर सामने आई JD(S) और कांग्रेस के बीच की दरार, वीरप्पा मोइली बोले - गठबंधन नहीं होता तो जीतते 15 - 16 सीटें

फिर सामने आई JD(S) और कांग्रेस के बीच की दरार, वीरप्पा मोइली बोले - गठबंधन नहीं होता तो जीतते 15 - 16 सीटें

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अगर जद (एस) के साथ गठबंधन नहीं किया होता तो वह 15 से 16 सीटों पर चुनाव जीतती।

veerappa moily- India TV Hindi Image Source : ANI ‘जद (एस) से गठबंधन नहीं होता तो कांग्रेस 15 - 16 सीटों पर जीतती’ 

बेंगलुरू।  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अगर जद (एस) के साथ गठबंधन नहीं किया होता तो वह 15 से 16 सीटों पर चुनाव जीतती। उन्होंने कहा कि गठबंधन पर विश्वास करना ‘भूल’ थी। उन्होंने कहा, ‘‘सौ फीसदी... केवल यहीं (चिकाबल्लापुर) नहीं... कई लोकसभा क्षेत्रों में... अगर गठबंधन नहीं होता तो कांग्रेस को निश्चित तौर पर 15- 16 सीटें हासिल होतीं।’’

मोइली एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या अगर गठबंधन नहीं होता तो वह चिकाबल्लापुर में जीत जाते। चिकाबल्लापुर में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन पर विश्वास करना भूल थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोगों ने भी मेरा विरोध किया... यह स्पष्ट है।’’ 

यह पूछने पर कि कांग्रेस के लोग उनका विरोध क्यों कर रहे हैं, उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी और कहा कि यह ताकत या धन के लिए हो सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली सत्तारूढ़ कांग्रेस - जद (एस) के संयुक्त उम्मीदवार थे। चिकबल्लापुर में भाजपा के उम्मीदवार बी एन बाचे गौड़ा ने उन्हें एक लाख 82 हजार 110 मतों से पराजित किया था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जद (एस) गठबंधन राज्य में केवल एक सीट जीतने में कामयाब रहा जबकि भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की। 

मुख्यमंत्री एचडी देवगौड़ा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, “काम पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। सिर्फ मुख्यमंत्री या मंत्री की कुर्सी पर बैठने से काम नहीं होता। उन्हें जिम्मेदार होना चाहिए। यह चुनाव में हार की एक वजह है। उन्हें इसका एहसास होना चाहिए और इस पर चर्चा करने के लिए एक कैबिनेट मीटिंग  बुलानी चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “उन्हें चुनाव के बारे में चर्चा करनी चाहिए लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये लोग गंभीरता से इस बारे में सोच रहे हैं। मुख्यमंत्री और मंत्रियों का गांव का दौरा काम नहीं आने वाला। उन्हें इसके बारे में सोचना चाहिए। महज लोगों के पास जाने से काम नहीं चलेगा।”

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