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Hindi News भारत राजनीति उत्तराखंड : हल्द्वानी के 4 हजार परिवारों को ओवैसी का समर्थन, मकानों को नियमित करने की मांग

उत्तराखंड : हल्द्वानी के 4 हजार परिवारों को ओवैसी का समर्थन, मकानों को नियमित करने की मांग

ओवैसी ने कहा, ‘‘ उत्तराखंड और केंद्र सरकार में सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने इस मुद्दे को क्यों नहीं सुलझाया? अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार को हल्द्वानी में लोगों के मकानों को नियमित करना चाहिए और उन्हें राहत देनी चाहिए। ’’

ओवैसी- India TV Hindi Image Source : फाइल ओवैसी

हैदराबाद : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तराखंड सरकार और केंद्र को राज्य के हल्द्वानी में लोगों के मकानों को नियमित करना चाहिए। दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की दावे वाली 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक पर ओवैसी ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है। 

राज्य सरकार को ‘‘व्यावहारिक व्यवस्था’’ बनाए-ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नियमित और अनियमित मकानों को अलग करने के लिए कहा है और राज्य सरकार को ‘‘व्यावहारिक व्यवस्था’’ करने और रेलवे का सम्मान करते हुए पुनर्वास सुनिश्चित करने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ‘‘व्यावहारिक व्यवस्था’’ केवल नियमितीकरण ही है। 

मकानों को नियमित करना चाहिए-ओवैसी

हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा, ‘‘ उत्तराखंड और केंद्र सरकार में सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने इस मुद्दे को क्यों नहीं सुलझाया? अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार को हल्द्वानी में लोगों के मकानों को नियमित करना चाहिए और उन्हें राहत देनी चाहिए। ’’ 

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की दावे वाली 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। न्यायालय ने इसे ‘‘मानवीय मुद्दा’’ बताते हुए कहा कि 50,000 लोगों को रातोंरात नहीं हटाया जा सकता। विवादित भूमि पर बसे लोग अतिक्रमण हटाने के आदेश के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका दावा है कि उनके पास भूमि का मालिकाना हक है। 

 

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