Ghulam Nabi Azad Resigns: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद दो पूर्व मंत्रियों सहित कांग्रेस के पांच वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि कुछ और नेताओं के भी इस्तीफा देने की संभावना है। उन्होंने बताया कि आजाद के समर्थन में पूर्व मंत्रियों आर.एस. चिब और जी.एम. सरूरी, पूर्व विधायक मोहम्मद अमीन भट, विधानपरिषद के पूर्व सदस्यों नरेश गुप्ता और पार्टी नेता सलमान निजामी ने इस्तीफा दे दिया।
कई और बड़े नेता दे सकते हैं इस्तीफा
सूत्रों ने बताया कि पूर्व सांसद जुगल किशोर शर्मा और पूर्व विधायकों हाजी अब्दुल राशिद, चौधरी मोहम्मद अकरम और गुलजार अहमद वानी सहित पांच और नेताओं के इस्तीफा देने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि एक अन्य प्रमुख नेता मुनीर अहमद मीर के भी इस्तीफा देने की संभावना है। चिब ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित अपने इस्तीफा पत्र में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में सालों से, जम्मू कश्मीर की तरक्की के लिए मैंने पूरी ईमानदारी से प्रयास किये हैं। मुझे लगता है कि मौजूदा परिस्थितियों में, कांग्रेस ने मेरे राज्य के भविष्य की बेहतरी में योगदान देने में अपनी गति खो दी है।’’
चिब ने पत्र में कहा, ‘‘पिछले दशकों में जम्मू कश्मीर ने जो उथल-पुथल देखी है, उसे ध्यान में रखते हुए लोगों को एक बेहतर भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए आजाद जैसे निर्णायक नेता की आवश्यकता है।’’ सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष सरूरी ने पार्टी से इस्तीफा देने से पहले कई अन्य नेताओं के साथ दिल्ली में आजाद से मुलाकात की। आजाद के समर्थक माने जाने वाले इनमें से ज्यादातर नेता नई दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
आजाद से पहले भी कई नेता कह चुके हैं कांग्रेस को अलविदा
चुनावी हार और दरकते जनाधार के बीच अब तक सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और पार्टी से नेताओं के पलायन का सिलसिला जारी है। इस क्रम में नया नाम गुलाम नबी आजाद का है जिन्होंने करीब पांच दशक के बाद कांग्रेस को अलविदा कह दिया। इस साल मई में उदयपुर चिंतन शिविर के दौरान संगठन के भीतर ‘बड़े सुधारों’ की घोषणा के बाद भी नेताओं का पलायन नहीं थमा।
आजाद से पहले कपिल सिब्बल और अश्विनी कुमार जैसे नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ा था। कुछ महीनों पहले हार्दिक पटेल और सुनील जाखड़ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कहा था। उनसे पहले जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थामा था और वह फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।
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