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Saamana में केंद्र सरकार पर साधा गया निशाना, कहा- क्या गणपति की कृपा होगी उनपर? खौफ है उनमें

शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में हुई बैठक को लेकर प्रधानमंत्री में खौफ है। इसी कारण प्रधानमंत्री ने गणेश उत्सव के अवसर पर विशेष सत्र बुलाया है।

Shivsena ubt mouthpiece Saamana attack on BJP said Will Ganapati bless them there is fear in them- India TV Hindi Image Source : PTI उद्धव ठाकरे और संजय राउत

शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया है। इसमें लिखा गया है कि महाराष्ट्र ने ‘I.N.D.I.A’ की जीत का बिगुल बजाया। मुंबई की बैठक का यही फल है। शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा मेजबानी स्वीकारी गई ऐतिहासिक बैठक थी। उस बैठक का खौफ इतना था कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऐन गणेशोत्सव के दौरान पांच दिनों का विशेष सत्र बुलाकर सनसनी फैला दी, लेकिन क्या गणपति की कृपा उन पर होगी? मुश्किल है। सामना में आगे लिखा गया, 'मोदी सरकार ने पिछले महीने एक अध्यादेश पारित करके दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई सरकार को पंगु और गुलाम बनाकर केंद्र का दास बना दिया। जम्मू-कश्मीर से पूर्ण राज्य का दर्जा छीने जाने के पांच साल बीत चुके हैं। अनुच्छेद 370 हटाया मतलब क्या किया? इस भ्रम में वहां के लोग अभी भी हैं। वहां चुनाव नहीं होने देना, यह सरकार द्वारा जनता का शोषण किए जाने जैसा है।' 

सामना में केंद्र सरकार पर हमला

शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत द्वारा कटाक्ष करते हुए लिखा गया कि प्रधानमंत्री मोदी लद्दाख की भूमि और मणिपुर की खनिज संपदा अपने दोस्त गौतम अडानी को देना चाहते हैं। ऐसा सीधा हमला राहुल गांधी ने किया। उसमें अब मुंबई भी बढ़ गई है। ईस्ट इंडिया कंपनी भी दांतों तले उंगली दबा ले, ऐसी कार्यशैली है। ‘I.N.D.I.A’ गठबंधन को उसके खिलाफ लड़ना है। सामना में लिखा, 'एक व्यापारी मित्र की जेब में एक राजा है और राजा फकीर होने का दिखावा करता है। उस फकीर का पाखंड उजागर हो रहा है। ‘I.N.D.I.A’ गठबंधन 2024 का चुनाव जीतेगा, यह अब तय है। गुजरात की धरती से जो गंदी सियासत दो नेताओं ने की। उसकी वजह से देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र खतरे में पड़ गया।' इस लेख में आगे कहा गया कि यह महात्मा गांधी की भूमि है। ऐसा कहने को भी अब जुबां तैयार नहीं होती है। महात्मा गांधी आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए गुजरात छोड़कर महाराष्ट्र और बाद में चंपारण तथा दिल्ली गए, लेकिन उनके विचार दृढ़ थे। गुजरात के व्यापारी समूह में रहकर आजादी की लड़ाई लड़ना संभव नहीं है।

कांग्रेस अपने दम पर नहीं जीत सकती 150 सीटें

संजय राउत ने आगे लिखा कि देशभर में कांग्रेस पार्टी की स्थिति में जबरदस्त सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी इतना सुधार नहीं हुआ है कि वह अपने दम पर 150 सीटें जीत सके। इसलिए ‘I.N.D.I.A’ गठबंधन ही वर्तमान भारतीय जनता पार्टी का एकमात्र विकल्प होगा। इसकी वजह यह है कि खुद मोदी का चेहरा भाजपा की अपनी बहुमत वाली सरकार बनवा देगा, ऐसी स्थिति में नहीं है। उन्होंने लिखा, 'भाजपा 200 का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी, इसलिए सरकार बनाने के लिए उसे सहयोगियों की जरूरत होगी। उन्हें वो दोस्त भी नहीं मिलेंगे। डूबते जहाज से उनके अपने ही लोग निकल जाएंगे, ऐसा आज की तस्वीर से स्पष्ट है। वर्तमान में भाजपा में ही जो मौजूदा तानाशाही के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है, वह उफान मारकर बाहर आ जाएगा और आंध्र में बीजू जनता दल, वाई.एस.आर. कांग्रेस जैसी पार्टियां भी भाजपा छोड़ देंगी।' इस लेख में आगे कहा गया कि ईडी-सीबीआई के डर से आंध्र के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी अब सत्ता के साथ हैं। ओडिशा के नवीन पटनायक की कोई राष्ट्रीय सोच नहीं है और न ही कोई भूमिका ही है। दिल्ली में सत्तारूढ़ होनेवालों के साथ रहना और ओडिशा के हित में निर्णय हासिल कर लेना ही उनकी नीति है तो फिर उन्हें दोष क्यों दें?

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