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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश आजम खान को बड़ा झटका, कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई रोकने से किया इनकार

आजम खान को बड़ा झटका, कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई रोकने से किया इनकार

मोहम्मद आजम खान ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी पत्नी तंजीन फातिमा सचिव हैं और बेटा अब्दुल्ला आजम खान ट्रस्ट के सक्रिय सदस्य हैं।

Allahabad High Court, Allahabad High Court Azam Khan, Court Azam Khan University- India TV Hindi Image Source : PTI FILE इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खान को बड़ा झटका दिया है।

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खान को झटका देते हुए मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय की भूमि पर कब्जा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कार्यवाही के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा ट्रस्ट के खिलाफ कुछ शर्तों का पालन करने में विफल रहने पर कार्रवाई की गई थी, जिस पर ट्रस्ट को 2005 में एक शैक्षणिक संस्थान के निर्माण के लिए जमीन दी गई थी।

कोर्ट ने सोमवार को आदेश पारित करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर भूमि पर अतिक्रमण और मस्जिद के निर्माण को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। मोहम्मद आजम खान ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी पत्नी तंजीन फातिमा सचिव हैं और बेटा अब्दुल्ला आजम खान ट्रस्ट के सक्रिय सदस्य हैं। ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा, ‘यह एक ऐसा मामला है, जहां जमीन का एक बड़ा हिस्सा खरीदा गया है और साथ ही जमीन के कुछ हिस्से पर काश्तकारों और ग्राम सभा की जमीन पर राज्य के एक पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा वर्ष 2005 में अस्तित्व में आए एक अधिनियम के अनुसार एक शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए अतिक्रमण किया गया है।’

अदालत ने आगे कहा, ‘मौजूदा मामले में 12.50 एकड़ से अधिक की भूमि के हस्तांतरण की अनुमति केवल एक शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए दी गई थी।’ कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति की जमीन बिना जिलाधिकारी की अनुमति के अवैध रूप से ली गई और अधिग्रहण शर्तों का उल्लंघन कर शैक्षिक कार्य के लिए निर्माण के बजाय मस्जिद का निर्माण कराया गया। इसने आगे कहा, ‘मस्जिद की स्थापना 7 नवंबर, 2005 को दी गई अनुमति के खिलाफ है। इस प्रकार, ट्रस्ट ने उन शर्तों का उल्लंघन किया है, जो स्पष्ट रूप से प्रदान करती हैं कि किसी भी शर्त के उल्लंघन के मामले में, 12.50 एकड़ से अधिक भूमि सुनवाई का अवसर देने के बाद राज्य सरकार में निहित होगी।’

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाईकोर्ट ने अब आजम खां के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट रामपुर की ओर से अधिग्रहण की गई 12.50 एकड़ के अतिरिक्त जमीन को राज्य में निहित करने के एडीएम वित्त के आदेश को सही करार दिया है। वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ता ट्रस्ट ने भूमि पर निर्माण के संबंध में उप-मंडल मजिस्ट्रेट द्वारा प्रस्तुत 16 मार्च, 2020 की रिपोर्ट को रद्द करने के साथ-साथ अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन), रामपुर द्वारा 16 जनवरी, 2021 को दिए आदेश को रद्द करने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता के वकील के तर्क पर कि मस्जिद विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए बनाई गई थी, अदालत ने कहा, ‘यह तर्क कि परिसर में शिक्षण के साथ-साथ गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर था, उनके लिए एक मस्जिद का निर्माण किया गया था, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह राज्य द्वारा दी गई अनुमति के खिलाफ जाता है।’ 2005 में, राज्य सरकार ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय अधिनियम, 2005 को अधिनियमित किया, जिससे विश्वविद्यालय के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

तत्पश्चात, राज्य सरकार ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को कुछ शर्तों को लागू करते हुए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 12.5 एकड़ (5.0586 हेक्टेयर) की सीमा के साथ 400 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने की अनुमति दी थी, जिसमें से एक शर्त यह थी कि भूमि का उपयोग केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए ही किया जाएगा। कानून के अनुसार, यदि इस तरह के प्रतिबंध/शर्तों का उल्लंघन किया जाता है, तो राज्य सरकार द्वारा दी गई अनुमति वापस ले ली जाती है।

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