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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय का बयान, आरोपों को बताया ‘दुष्प्रचार’, दी सफाई

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय का बयान, आरोपों को बताया ‘दुष्प्रचार’, दी सफाई

श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने ‘दुष्प्रचार’ बताया है।

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय का बयान, आरोपों को बताया ‘दुष्प्रचार’, दी सफाई- India TV Hindi Image Source : PTI राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय का बयान, आरोपों को बताया ‘दुष्प्रचार’, दी सफाई

अयोध्या: श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने ‘दुष्प्रचार’ बताया है। उन्होंने कहा, “आरोप लगाने से पहले तीर्थ क्षेत्र के किसी भी पदाधिकारी से तथ्यों की जानकारी नहीं की गई। इससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। समस्त श्री राम भक्तों से निवेदन है कि वे ऐसे किसी दुष्प्रचार में विश्वास न करें। ताकि श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर का पूर्ण पारदर्शिता के साथ चल रहा निर्माण कार्य शीघ्र निर्विघ्न सम्पन्न हो।”

चम्पत राय ने कहा, “ध्यान देने योग्य है कि उपर्युक्त वर्णित भूमि अयोध्या रेलवे स्टेशन के समीप मार्ग पर स्थित एक प्रमुख स्थान (प्राइम लोकेशन) है। इस भूमि के सम्बन्ध में वर्ष 2011  से वर्तमान विक्रेताओं के पक्ष में भिन्न-भिन्न समय (2011, 2017 व 2019 ) में अनुबन्ध सम्पादित हुआ। खोजबीन करने पर यह भूखण्ड हमारे उपयोग हेतु अनुकूल पाये जाने पर सम्बन्धित व्यक्तियों से सम्पर्क किया गया।”

उन्होनें कहा, “भूमि का जो मूल्य माँगा गया, उसकी तुलना वर्तमान बाजार मूल्य से की गयी, अन्तिम देय राशि लगभग 1,423/-रू0 प्रति वर्गफीट तय हुई जो निकट के क्षेत्र के वर्तमान बाजार मूल्य से बहुत कम है। मूल्य पर सहमति हो जाने के पश्चात् सम्बन्धित व्यक्तियों को अपने पूर्व के अनुबन्धों को पूर्ण करना आवश्यक था, तभी सम्बन्धित भूमि तीर्थ क्षेत्र को प्राप्त हो सकती थी।”

राय ने कहा, “तीर्थ क्षेत्र के साथ अनुबन्ध करने वाले व्यक्तियों के पक्ष में भूमि का बैनामा होते ही तीर्थ क्षेत्र ने अपने पक्ष में पूर्ण तत्परता एवं पारदर्शिता के साथ अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया व पंजीकृत कराया। तीर्थ क्षेत्र का प्रथम दिवस से ही निर्णय रहा है कि सभी भुगतान बैंक से सीधे खाते में ही किये जायेंगे, सम्बन्धित भूमि की क्रय प्रक्रिया में भी इसी निर्णय का पालन हुआ है।”

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