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गाजियाबाद: फर्जी लाईसेंस बनाने वाले गिरोह का भंड़ाफोड़, पांच लोग गिरफ्तार

पुलिस ने शहर में लोगों से भारी रकम लेकर फर्जी शस्त्र लाईसेंस बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में अब तक कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें शस्त्रों की एक दुकान का मालिक भी शामिल है।

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गाजियाबाद: गाजियाबाद पुलिस ने शहर में लोगों से भारी रकम लेकर फर्जी ऑर्म लाईसेंस बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में अब तक कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें शस्त्रों की एक दुकान का मालिक भी शामिल है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने मंगलवार को बताया कि कुछ दिन पूर्व दो लोगों ने शाहजहांपुर में बने लाईसेंस को ट्रांसफर करने के लिए अर्जी दी थी। लाईसेंस पर डला हुआ यूआईएन नंबर इंटरनेट पर डालकर जांच करने पर पता चला कि वह वैध नहीं है।

पांडे के अनुसार, शाहजहांपुर के जिला अधिकारी को यह सूचना दी गई और एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को भी मामले की जांच कराने के लिए कहा गया। उन्होंने बताया कि जांच में एक गिरोह द्वारा लोगों से पैसे लेकर फर्जी लाईसेंस बनाने का मामला सामने आया। डीएम ने बताया कि इस गिरोह के सरगना हरिशंकर अवस्थी और उसका सहयोगी हैं जो शाहजहांपुर के ही रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी जिलाधिकारी कार्यालय में नियुक्त कुछ संविदा कर्मियों से सांठगांठ कर फर्जी यूआईएन नंबर डाल कर लाईसेंस बनाते थे और उसके आधार पर हथियार उपलब्ध कराते थे।

पांडे ने बताया कि इस मामले में हरिशंकर अवस्थी, सदानंद शर्मा, फुरकान, संजय गर्ग और सदानंद शर्मा को गिरफ्तार किया गया है। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि शाहजहांपुर के सहरामऊ उत्तरी थाने से संबंधित शस्त्र लाईसेंस रजिस्टर वर्ष 2007 में गायब हो गया था जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। तत्कालीन अभिलेख मौजूद न होने का फायदा उठाते हुए यह गिरोह पिछली तारीखों के फर्जी लाईसेंस बनाता था। डीएम ने बताया कि इस बाबत अन्य जिलों में सूचना दे दी गयी है और शासन को भी मामले से अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि असलहा रजिस्टर सील कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो सभी लाईसेंसों की जांच करेगी। साथ ही दूसरे राज्यों के सचिवों को भी जांच के लिए पत्र लिखा गया है। पुलिस कप्तान सुधीर कुमार सिंह के अनुसार, आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वे फर्जी हस्ताक्षर कर, मोहर लगा देते थे और नकली लाईसेंस जारी कर देते थे। आरोपियों का कहना है कि गन हाऊस का मालिक उन्हें फर्जी लाइसेंस पर हथियार उपलब्ध करा देता था। सिंह ने बताया कि शाहजहांपुर के कलेक्ट्रेट स्थित शस्त्र विभाग में तैनात आरोपी संविदाकर्मी पवनेश और श्याम बिहारी फरार हैं जिन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

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