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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश पीएम मोदी और BJP का दलित प्रेम महज दिखावा : मायावती

पीएम मोदी और BJP का दलित प्रेम महज दिखावा : मायावती

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि दलित कल्याण और दलित मसीहा भीमराव रामजी आंबेडकर के सम्मान को लेकर भाजपा की कथनी और करनी एक दिखावा है।

Mayawati big attack on PM Modi and BJP's on Dalit issue- India TV Hindi Mayawati big attack on PM Modi and BJP's on Dalit issue

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि दलित कल्याण और दलित मसीहा भीमराव रामजी आंबेडकर के सम्मान को लेकर भाजपा की कथनी और करनी एक दिखावा है। 'बाबासाहेब' की जयंती के मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती ने राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "मोदी और योगी दोनों ने ही उत्पीड़ित, अधिकारहीन और दलितों के लिए कुछ नहीं किया। वे समाज के इन वर्गो के उत्थान के कारणों पर केवल अपने होठ चला रहे हैं।"

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि योजनाएं लागू करना और बी.आर. आंबेडकर के नाम पर स्मारकों व इमारतों का नामकरण करना और दलित अत्याचार पर चुप रहने का दोहरा रवैया न तो बर्दाश्त किया जाएगा और न ही स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार के तहत दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं।"

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार पर एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कई बेगुनाह लोगों पर दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान देश में हुई हिंसा के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत और दंगों के लिए झूठे मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा, "अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत साफ है तो उन्हें अदालत के फैसले का इंतजार करने के बजाए एससी-एसटी अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाकर अध्यादेश जारी करना चाहिए।"

उन्होंने शीर्ष अदालत में एससी-एसटी अधिनियम मामले को शक्तिशाली तरीके से नहीं रखने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह इस बात को दर्शाता है कि वे दलितों के कल्याण के प्रति ईमानदार नहीं हैं। 62 वर्षीय नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ भाजपा के लिए आंबेडकर का नाम लेना उचित नहीं है, क्योंकि प्रत्येक दिन वे जिस संविधान के सिद्धांतों को रौंद रहे हैं, वह महान दलित नेता के दिमाग की उपज है। 

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