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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश कांशीराम की पुण्यतिथि पर मायावती ने दिखाई ताकत, लखनऊ में उमड़ा बसपा कार्यकर्ताओं का हुजूम

कांशीराम की पुण्यतिथि पर मायावती ने दिखाई ताकत, लखनऊ में उमड़ा बसपा कार्यकर्ताओं का हुजूम

मायावती ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर इस बार सबसे ज़्यादा जोर यहां के गरीब और बेरोज़गार नौजवानों को रोटी रोजी के साधन उपलब्ध कराने पर होगा। इसबार यही हमारी पार्टी का मुख्य चुनावी मुद्दा भी होगा।

नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बसपा के विरोधी दलों पर जमकर हमला बोला। मायावती ने कहा कि BJP, SP, कांग्रेस, AAP वोट के लिए जनता से वादे कर रही हैं जो हवा हवाई है। उनमें रत्तीभर भी दम नहीं है। विरोधी पार्टियां चुनावी घोषणापत्रों में प्रलोभन भरे चुनावी वादे करने वाली हैं।

'बदले की भावना से नहीं रोकेंगे योजनाएं'
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने पर इस बार सबसे ज़्यादा जोर यहां के गरीब और बेरोज़गार नौजवानों को रोटी रोजी के साधन उपलब्ध कराने पर होगा। इसबार यही हमारी पार्टी का मुख्य चुनावी मुद्दा भी होगा। केंद्र और राज्य की जो भी योजनाएं चल रही हैं उन्हें बदले की भावना से रोका नहीं जाएगा।

मीडिया और अन्य एजेंसियों के सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि वह चुनाव से छह महीने पहले मीडिया और अन्य एजेंसियों के सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग करेंगी ताकि चुनावों पर इन सर्वेक्षणों का कोई असर नहीं पड़े। उन्होंने कहा, ''जल्द ही मैं निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखूंगी कि चुनाव के छह महीने पहले से मतदान तक सभी एजेंसियों के सर्वेक्षणों पर रोक लगाई जानी चाहिए ताकि इनसे चुनाव प्रभावित न हो सके।"

बंगाल चुनाव का किया जिक्र
मायावती ने कहा, ''पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुए सर्वेक्षणों में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को काफी पीछे बताया जा रहा था लेकिन जब परिणाम आया तो वह ठीक उल्टा था। जो सत्ता के सपने देख रहे थे उनका सपना चकनाचूर हो गया और ममता बनर्जी भारी बहुमत से पुन: वापस आ गयी । इसलिये आप लोगों को बहकावे में नहीं आना हैं।'' 

भीम आर्मी और AIMIM से सावधान रहने की जरूरत?
मायावती ने कहा, ''प्रदेश में कुछ ऐसी भी छोटी-छोटी पार्टियां व दल हैं जो अकेले या गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं । इनका मकसद चुनाव जीतना नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिये पर्दे के पीछे से खासकर सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाना होता है । यह छोटी पार्टियां उन्हीं के हिसाब से अपने प्रत्याशी खड़े करती हैं , इसलिये ऐसी पार्टियों और दलों से सावधान रहने की जरूरत है।"

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