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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश प्रियंका गांधी गिरफ्तार, शांति भंग करने समेत कई धाराओं में FIR दर्ज

प्रियंका गांधी गिरफ्तार, शांति भंग करने समेत कई धाराओं में FIR दर्ज

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य की योगी आदित्यनाथ नीत सरकार पर मंगलवार को हमला करते हुए कहा कि आवाज उठाने वाले लोगों के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार का रवैया लगातार हिंसात्मक और दमनकारी है।

Priyanka Gandhi arrested by Uttar Pradesh Police प्रियंका गांधी गिरफ्तार, शांति भंग करने समेत कई धार- India TV Hindi Image Source : PTI प्रियंका गांधी गिरफ्तार, शांति भंग करने समेत कई धाराओं में FIR दर्ज

लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को गिरफ्तार कर लिया है। प्रियंका गांधी को धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर शांति भंग करने समेत कई धाराओं में FIR दर्ज की गई है। इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा सीतापुर में पुलिस हिरासत में थीं। उन्हें 24 घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखने पर कांग्रेस पार्टी लगातार सवाल उठा रही थी लेकिन अब यूपी पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

उत्तर प्रदेश सरकार का रवैया हिंसात्मक और दमनकारी: प्रियंका गांधी
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य की योगी आदित्यनाथ नीत सरकार पर मंगलवार को हमला करते हुए कहा कि आवाज उठाने वाले लोगों के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार का रवैया लगातार हिंसात्मक और दमनकारी है। कांग्रेस महासचिव ने लखनऊ दौर पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और पूछा कि वह लखीमपुर खीरी उन परिवारों से मिलने क्यों नहीं जा रहे हैं, जिनके बेटों की ‘‘बर्बरतापूर्ण तरीके से हत्या कर दी गई’’ और जहां हेलीकॉप्टर से जाने में यहां से सिर्फ 15 मिनट लगते हैं।

प्रियंका लोकतंत्र व किसानों के बारे में बोलने का अधिकार नहीं: उमा भारती
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और उनकी पार्टी के अन्य लोगों को किसानों और लोकतंत्र के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है। उमा भारती ने ट्वीट किया, "उत्तर प्रदेश की प्रभारी एवं कांग्रेस महासचिव और कांग्रेस के अन्य नेताओं को जिन मुद्दों पर बोलने का अधिकार नहीं है, उन पर ना बोलें।"

भाजपा नेता ने अगले ट्वीट में कहा, "आजादी के तुरंत बाद, देश में गांधीजी के कृषि को प्रमुख आर्थिक आधार मानने के सपने को उस समय के प्रधानमंत्री नेहरु जी ने ध्वस्त कर दिया। फिर तो कृषि और किसान पीछे छूटते ही गए।" उमा भारती ने आगे कहा, "देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस पार्टी, अपने मुंह से लोकतंत्र का उच्चारण करने का अधिकार खो चुकी है। 1984 के दंगों में कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने ही दस हजार सिखों को जिंदा भूना था। कांग्रेस के मुंह से अहिंसा शब्द शोभा नहीं देता।"

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