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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश योगी सरकार का दावा- इंसेफेलाइटिस से मौतों की संख्‍या में आई भारी गिरावट, जानें आंकड़े

योगी सरकार का दावा- इंसेफेलाइटिस से मौतों की संख्‍या में आई भारी गिरावट, जानें आंकड़े

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को बताया कि इस साल 27 अगस्त तक AES के कारण 34 लोगों की मौत हुई है।

Sharp decline in Acute Encephalitis Syndrome, Japanese Encephalitis deaths, says UP government | PTI- India TV Hindi Sharp decline in Acute Encephalitis Syndrome, Japanese Encephalitis deaths, says UP government | PTI

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस साल जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के कारण होने वाली मौतों में भारी गिरावट का दावा किया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को बताया कि इस साल 27 अगस्त तक AES के कारण 34 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि इसके 890 रोगी अस्पतालों में भर्ती किए गए हैं। वहीं, इस अवधि में जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण 4 मौतें हुई हैं। 

मौतों की संख्या में आई भारी गिरावट
चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 2016 में AES के 3911 मरीज भर्ती किए गए जिनमें से 641 की मौत हो गई। वहीं 2017 में मरीजों की तादाद 4724 हो गई, जिनमें से 655 की मृत्यु हो गई। वर्ष 2018 से इन आंकड़ों में गिरावट शुरू हुई। पिछले साल 3077 मरीज भर्ती हुए और मौत का आंकड़ा 248 रहा। प्रमुख सचिव ने जापानी इंसेफेलाइटिस से जुड़े मामलों का विवरण देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में जेई की वजह से 74 लोगों की मौत हुई थी। वर्ष 2017 में भी मौतों का यही आंकड़ा रहा। वर्ष 2018 में जेई के रोगियों की संख्या और मृतकों की तादाद घटी। पिछले साल जेई की वजह से 30 लोगों की मौत हुई। इस साल 27 अगस्त तक इस बीमारी से 4 लोगों की मृत्यु हुई है।

उत्तर प्रदेश में काफी बच्चे इन रोगों से पीड़ित हो जाते थे, इस बार संख्या  में भारी गिरावट आई है | PTI Representational

यूं मिली महामारी को रोकने में कामयाबी
पूर्वांचल में इंसेफेलाइटिस उन्‍मूलन की दिशा में प्रयास कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्‍टर आरएन सिंह ने जेई और एईएस से मौत में कमी को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि सरकार ने पिछले साल रोकथाम को प्राथमिकता देकर ‘दस्‍तक’ अभियान चलाया जिससे महामारी को रोकने में कामयाबी मिली है। उन्‍होंने कहा कि उत्‍तर प्रदेश में इसे नियंत्रित कर लिया गया मगर बिहार, पश्चिम बंगाल, असम सहित देश के कुल 17 प्रदेशों में इसे कैसे काबू किया जाएगा? देश से इसके उन्‍मूलन के लिये राष्‍ट्रीय कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए। 

...तो बिहार में इतने बच्चों की नहीं जाती जान
सिंह ने कहा कि ‘नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एण्‍ड कंट्रोल ऑफ इंसेफेलाइटिस’ वर्ष 2014 में ही बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया गया। अगर इसे लागू किया गया होता तो बिहार में पिछली मई-जून में इंसेफेलाइटिस की वजह से 130 से ज्‍यादा बच्‍चों की मौत नहीं होती। उन्होंने कहा कि देश से पोलियो और चेचक का उन्‍मूलन सिर्फ इसलिये हो सका क्‍योंकि उनके लिये राष्‍ट्रीय कार्यक्रम लागू किया गया था। इंसेफेलाइटिस को अगर पूरे देश से खत्‍म करना है तो राष्‍ट्रीय कार्यक्रम लागू करना होगा।

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