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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश कोविड मैनेजमेंट में यूपी सरकार का नंबर वन, कोरोना का रिकवरी रेट 97 फीसदी पहुंचा

कोविड मैनेजमेंट में यूपी सरकार का नंबर वन, कोरोना का रिकवरी रेट 97 फीसदी पहुंचा

वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति ने देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। अगर यह कहें कि देश में कोविड मैनेजमेंट में यूपी सरकार नंबर वन है, तो कोई गुरेज नहीं होगा।

Yogi Adityanath- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO कोविड मैनेजमेंट में यूपी सरकार का नंबर वन, कोरोना का रिकवरी रेट 97 फीसदी पहुंचा

लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति ने देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। अगर यह कहें कि देश में कोविड मैनेजमेंट में यूपी सरकार नंबर वन है, तो कोई गुरेज नहीं होगा। अब यूपी में कोरोना का रिकवरी रेट अब 97 फीसदी पहुंच गया है। राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार यूपी में वर्तमान में 1,51,000 से अधिक डेडीकेटेड कोविड बेड्स के साथ सर्वाधिक कोविड बेड्स वाला प्रदेश है। राज्य के हर जिले में गंभीर रोगियों की देखभाल के लिए वेंटिलेटर युक्त बेड की व्यवस्था है।

वर्तमान में राज्य में कोरोना के कारण प्रति 10 लाख की आबादी में मृत्यु की संख्या 37 है, जो राष्ट्रीय औसत (114 मृत्यु प्रति 10 लाख आबादी) और अन्य कई बड़े राज्यों दिल्ली 543, महाराष्ट्र 414, तमिलनाडु 162, कर्नाटक 185, आंध्र प्रदेश 136, पश्चिम बंगाल 104, केरल 100 कोरोना से मौत पर प्रति 10 लाख आबादी से कम है।

प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमितों के सिर्फ 195 नए मामले मिले हैं और 345 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। जबकि अन्य कई प्रदेशों में अब भी स्थिति गंभीर है। प्रदेश में लगातार घटते मामलों को लेकर कई कोविड डेडिकेटेड अस्पताल खाली पड़े हैं। उन्हें सरकार वापस पुराने रूप में लाने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा ई संजीवनी ऐप से ईलाज की सुविधा लेने वालों की संख्या बढ़कर चार लाख 16 हजार 512 पहुंच गई है। हाल ही में तमिलनाडु को पीछे छोड़ते हुए उप्र देश का सर्वाधिक ई-कंसल्टलेशन देने वाला राज्य बन गया है।

जब कोरोना संक्रमण का यहां आया था, तब प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए एक भी लैब नहीं थी, लेकिन अब प्रदेश में सरकारी क्षेत्र की 46 और निजी क्षेत्र की 141 लैब में कोरोना जांच की जा रही है। पिछले कई महीनों से देश में सबसे ज्यादा कोरोना की जांच यहां की जा रही है। अब तक यूपी 2,65,76,008 नमूने की जांच करने के साथ देश में सर्वाधिक कोरोना की जांच करने वाला प्रदेश बन गया है। राज्य में प्रत्येक कोरोना संक्रमित रोगी के सापेक्ष 46 व्यक्तियों की कोरोना जांच की गई है, जो राष्ट्रीय औसत (17.8 जांच प्रति धनात्मक व्यक्ति) से बहुत अधिक है।

इस रोग से बचाव के लिए पिछले साल अप्रैल से ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करते हुए ग्राम और मोहल्ला निगरानी समितियों का गठन किया गया। साथ ही, प्रशिक्षित आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम को शामिल करते हुए 70,000 से अधिक सर्विलांस टीमें गठित की गईं। इन टीमों ने घर-घर जाकर 18 करोड़ से ज्यादा लोगों की कांट्रेक्ट ट्रेसिंग की।

स्वास्थ्य विभाग की सचिव वी हेकाली झिमोमी ने बताया कि, "अभिनव डिजिटल इंटरवेंशंस के माध्यम से कोरोना से लड़ने में काफी मदद मिली। होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमितों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए हर जिले में इंटीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आईसीसी) बनाया गया। यह लोगों के ईलाज में काफी कारगर साबित हुआ। कोरोना जांच रिपोर्ट के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया गया। प्रदेश में कोरोना जांच कराने वाला कोई भी व्यक्ति इस पोर्टल पर अपनी रिपोर्ट खुद देख सकता है या डाउनलोड कर सकता है। निशुल्क जांच के लिए कोरोना जांच केंद्रों की जानकारी के लिए कोविड केंद्र एप्लीकेशन प्ले स्टोर पर लांच किया गया।"

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार ने बताया कि, "प्रदेश में शुक्रवार को दूसरे राउंड का वैक्सिनेशन होगा। इसके लिए 14 सौ से 15 सौ बूथ बनाए गए हैं और करीब 15 सौ स्वास्थ्य कर्मियों का वैक्सिनेशन होगा। किन्हीं कारणवश जो लोग पहले राउंड में छूट गए थे, वह भी शुक्रवार को वैक्सिनेशन करा सकते हैं। अगले सप्ताह से क्रमिक रूप से गुरुवार और शुक्रवार को वैक्सिनेशन होगा। पहले वैक्सिनेशन के लिए 10 लाख 75 हजार डोज आए थे। इसकी दूसरी खेप नौ लाख 11 हजार डोज की और मिल गई हैं। इस प्रकार कुल करीब 20 लाख डोज उपलब्ध हैं।"

उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार कम हो रही है। आज प्रदेश में नए पॉजिटिव केसों की संख्या 195 है। जबकि बुधवार को कुल टेस्टिंग एक लाख 39 हजार 52 थी। डिस्चार्ज मरीजों की संख्या 345 है।

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