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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश अखिलेश यादव ने कहा- बीजेपी कितनी भी कोशिश कर ले, अब किसान उसे वोट नहीं देंगे

अखिलेश यादव ने कहा- बीजेपी कितनी भी कोशिश कर ले, अब किसान उसे वोट नहीं देंगे

अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने के लिए बीजेपी की आलोचना की।

Akhilesh Yadav, Akhilesh Yadav Farmers, Akhilesh Yadav Uttar Pradesh Farmers- India TV Hindi Image Source : PTI अखिलेश यादव ने कहा कि किसान अगले विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर मतदान करेंगे।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में किसानों से जुड़ने की कितनी भी कोशिश कर ले, वे भगवा पार्टी को वोट नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि सुना है बातों की खेती करने वाली बीजेपी यूपी में ‘किसान सम्मेलन’ करेगी, लेकिन किसान अगले विधानसभा चुनावों में उसके खिलाफ एकजुट होकर मतदान करेंगे। अखिलेश ने कहा कि किसान अब बीजेपी के जाल में फंसने वाले नहीं हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि बीजेपी ने किसानों की आय दोगुनी करने का अपना वादा भी नहीं निभाया।

‘किसान बीजेपी के खिलाफ मतदान करेंगे’
किसानों तक पहुंचने के लिए राज्य में किसान सम्मेलन आयोजित करने की बीजेपी की योजना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘जब 'अन्नदाता' के मतदाता बनने का समय आ गया है, तो बीजेपी किसानों को याद कर रही है। किसान बीजेपी के जाल में फंसने वाली नहीं है। 2022 में किसान एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ मतदान करेंगे।’ अखिलेश ने आगे किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को पूरा नहीं करने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की उनकी मांग के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने के लिए बीजेपी की आलोचना की।

क्या है बीजेपी का किसान संवाद कार्यक्रम?
बता दें कि बीजेपी 16 से 23 अगस्त तक किसान संपर्क कार्यक्रम 'किसान संवाद' शुरू करने जा रही है। प्रदेश बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने कहा कि पार्टी सरकार के काम को लेकर किसानों तक पहुंचेगी और उनकी समस्याएं भी सुनेगी। बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में बीजेपी इस कार्यक्रम के जरिए किसानों से जुड़ना चाहती है। ऐसा कर वह किसान आंदोलन से हुए संभावित नुकसान को पाटने की कोशिश कर सकती है। हालांकि प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में किसान आंदोलन का खास प्रभाव देखने को नहीं मिला है।

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