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Gyanvapi Masjid Case: क्यों हटाए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा? सामने आई ये बड़ी वजह

Gyanvapi Masjid Case: अजय कुमार मिश्रा एडवोकेट कमिश्नर के पद से हटाए जाने के बाद मीडिया से बात करते-करते रो पड़े। कैमरे पर वो भावुक हो गए और उनके आंसू निकल पड़े।

Gyanvapi Masjid Case- India TV Hindi Image Source : PTI-FILE Gyanvapi Masjid Case

Gyanvapi Masjid Case: इस वक्त पूरे हिंदुस्तान में एक ही चर्चा है काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना में क्या मिला?  पानी के नीचे फव्वारा मिला जैसा कि मुस्लिम पक्ष दावा कर रहा है या वो शिवलिंग है जैसा हिंदू पक्ष कह रहा है? शिवलिंग वाली जगह की सुप्रीम कोर्ट ने सिक्योरिटी का ऑर्डर दिया। इन सबके बीच ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमारमिश्रा को कोर्ट ने हटा दिया है। हालांकि, मुस्लिम पक्षकारों ने पूर्व एडवोकेट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। इसके बाद भी उन्हें उनके पद से नहीं हटाया गया। उन पर वाराणसी कोर्ट का भरोसा बना रहा। अब उन्हें हटाया गया है तो माहौल तनावपूर्ण हो गया है।

इस शख्स की शिकायत पर हटाए गए अजय मिश्रा
अजय कुमार मिश्रा एडवोकेट कमिश्नर के पद से हटाए जाने के बाद मीडिया से बात करते-करते रो पड़े। कैमरे पर वो भावुक हो गए और उनके आंसू निकल पड़े। बताया जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश होने से पहले लीक हो जाने पर कार्रवाई हुई। दावा किया जा रहा है कि उनको नए एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह की शिकायत पर हटाया गया है। विवाद गहराने लगा तब विशाल सिंह सामने आए और इन आरापों से इनकार किया। विशाल सिंह अजय मिश्र के आरोपों को खारिज करते दिख रहे हैं। उन्होंने अजय मिश्र को भाई के समान बताया और उन्हें मना लेने की बात कही।

8 अप्रैल को नियुक्त किए गए थे एडवोकेट कमिश्नर
गौरतलब है कि 8 अप्रैल को कोर्ट ने अजय कुमार मिश्रा को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था जिलके बाद उन्होंने 6 मई को पहली बार ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू किया था। सर्वे का काम 7 मई को रुक गया था। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकीलों ने तब आरोप लगाया था कि पूर्व एडवोकेट कमिश्नर पार्टी बनकर एकपक्षीय कार्रवाई कर रहे हैं। इसलिए उन्हें सर्वे के काम से हटाया जाए। इस पर वादी और प्रतिवादी पक्ष की कोर्ट में तगड़ी बहस भी हुई थी।

कोर्ट में पेश किए जाने से पहले ही गोपनीय सूचना लीक
अदालत ने इसके बाद प्रतिवादी पक्ष की मांग को खारिज करते हुए उन्हें सर्वे के काम के लिए नियुक्त किया था। तब जाकर 14 से 16 मई तक ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की कार्रवाई वहीं सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी करने वाली टीम के सदस्यों की ओर से सूचना लीक किए जाने का मामला सामने आया। लीक सूचना के मामले में कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को हटा दिया। साथ ही, ज्ञानवापी मस्जिद की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की रिपोर्ट के साथ सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए दो दिनों का समय दिया गया है। कोर्ट में इस सर्वे रिपोर्ट को पेश किए जाने से पहले ही गोपनीय सूचनाओं को लीक कर दिया गया। इस प्रकार के आरोप हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों और मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों पर लगे हैं।

'विशाल सिंह ने मुझे धोखा दिया'
अजय कुमार मिश्र ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। विशाल सिंह ने मुझे धोखा दिया। उन्होंने मेरे भरोसेमंद स्वभाव का फायदा उठाया। उन्होंने कहा कि हमने सोमवार की रात 12 बजे तक एक साथ रिपोर्ट तैयार की। मुझे नहीं पता था कि विशाल सिंह मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। मैं वास्तव में दुखी हूं। मैं पक्षपाती नहीं था। मैं सर्वेक्षण के बारे में कुछ नहीं कहूंगा।

वीडियोग्राफर अफवाहें फैला रहा था
वहीं, पहले विशाल सिंह ने कहा था कि हमने अजय मिश्रा के आचरण के संबंध में याचिका दी थी। अजय मिश्रा ने एक वीडियोग्राफर नियुक्त किया था, जो मीडिया में बयान दे रहा था और अफवाहें फैला रहा था। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि मेरी रिपोर्ट निष्पक्ष होगी। अजय कुमार मिश्र ने माना है कि उन्होंने जिस वीडियोग्राफर को काम पर रखा था, उसने विवरण लीक कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं इसके बारे में क्या कर सकता हूं?  पूर्व एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि उन्होंने जिस फोटोग्राफर को काम पर रखा उसने धोखा दिया। 

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