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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 'डिंपल को हमसे ज्यादा वोट से जिताने की जिम्मेदारी, अखिलेश के लिए मैं पूरी तरह समर्पित', जानें और क्या बोले शिवपाल सिंह यादव

'डिंपल को हमसे ज्यादा वोट से जिताने की जिम्मेदारी, अखिलेश के लिए मैं पूरी तरह समर्पित', जानें और क्या बोले शिवपाल सिंह यादव

चाचा शिवपाल सिंह यादव ने जसवंतनगर में बहू डिंपल को जिताने की हुंकार भरी है। उन्होंने कहा कि डिंपल को हमसे ज्यादा वोटों से जिताने की जिम्मेदारी है। शिवपाल ने ये भी कहा कि वह अखिलेश के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। 8 सालों में भाजपा ने कोई काम नहीं किया है।

Shivpal Singh Yadav- India TV Hindi Image Source : FILE शिवपाल सिंह यादव

जसवंतनगर: चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच रिश्ते सामान्य होते दिख रहे हैं। शिवपाल सिंह यादव ने जसवंतनगर के मंच से ये बयान दिया है कि अब डिंपल यादव को हमसे ज्यादा वोट से जिताने की जिम्मेदारी है। मैं अखिलेश से भी कहता हूं कि मेरा पूरा समर्पण आपके लिए है। आज नेताजी (मुलायम सिंह) नहीं हैं, इसलिए ये चुनाव महत्वपूर्ण हो जाता है। यहां की गली से लेकर गांव तक विकास नेताजी ने किया है।

शिवपाल ने कहा कि 8 सालों में भाजपा ने कोई काम नहीं किया। नेताजी के बाद अगर आप लोगों ने कहा है तो मैंने करके दिखाया है। नेताजी के मैनपुरी से लेकर जसवंतनगर तक बहुत किस्से हैं। हम सब उनसे जुड़े हुए हैं। मैं 12 साल की उम्र से नेता जी से जुड़ा। मैंने उन्हें कभी निराश नहीं किया। अखिलेश को भी निराश नहीं करूंगा। मेरे समपर्ण और मेरी क्षमता को पहचानो।

मैनपुरी से बीजेपी के उम्मीदवार पर शिवपाल ने कही ये बात

शिवपाल ने कहा कि बीजेपी के उम्मीदवार कह रहे हैं कि मैं शिवपाल यादव का शिष्य हूं। बीजेपी का उम्मीदवार शिष्य तो दूर चेला भी नहीं है, वह अवसरवादी है। अगर चेला होते तो मिलकर बात करके जाते। बता दें कि जसवंत नगर के इस कार्यक्रम में अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव भी पहुंच चुके हैं और शिवपाल पहले से ही मंच पर मौजूद हैं। 

अखिलेश ने एक तीर से साधे 2 निशाने

मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी में यादव परिवार का ये पहला चुनाव होगा।  मुलायम के निधन के कारण इस सीट पर सहानुभूति की लहर भी है। यही वजह है कि मुलायम परिवार से मैनपुरी सीट पर चुनाव लड़ने के दावेदारों में धर्मेंद्र यादव से लेकर तेज प्रताप यादव तक के नामों की चर्चा थी। शिवपाल यादव के खुद के भी चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अखिलेश ने राजनीतिक दांव खेला और अपने पिता मुलायम सिंह की सीट से परिवार के किसी दूसरे सदस्य को उपचुनाव लड़ाने के बजाय अपनी पत्नी डिंपल यादव पर को चुनावी मैदान में उतार दिया। ताकि अपने पिता मुलायम सिंह की विरासत उनके ही पास बनी रहे।

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