आरक्षण के मुद्दे पर महबूबा मुफ्ती ने CM अब्दुल्ला को घेरा, बोलीं- अदालत पर छोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों, खासकर युवाओं ने विधानसभा चुनावों में बड़ी संख्या में NC को वोट दिया था, ताकि आरक्षण के मुद्दे को तर्कसंगत तरीके से हल किया जा सके।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की। महबूबा ने इस मुद्दे को अदालतों पर छोड़ने को 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण' बताया। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों, खासकर युवाओं ने विधानसभा चुनावों में बड़ी संख्या में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) को वोट दिया था, ताकि आरक्षण के मुद्दे को तर्कसंगत तरीके से हल किया जा सके और किसी का अधिकार न छीना जाए।
"छह महीने की जरूरत क्यों है?"
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता, विशेष रूप से सामान्य श्रेणी के छात्रों को परेशान किए बिना इस मुद्दे का समाधान निकाला जाना चाहिए। महबूबा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा, "मुख्यमंत्री ने छह महीने का समय मांगा है। उनके पास लद्दाख सहित तीन सांसद और 50 विधायक हैं, फिर उन्हें छह महीने की जरूरत क्यों है? क्या उन्हें लगता है कि अदालत का फैसला आ जाएगा और फिर उन्हें कुछ नहीं करना पड़ेगा?" उन्होंने यह भी सवाल किया कि यदि इन छह महीनों में व्याख्याताओं, पुलिस और अन्य पदों की भर्ती होती है, तो सामान्य वर्ग के छात्रों को उसका क्या लाभ होगा?
"2018 में हुआ था, तो आज क्यों नहीं?"
महबूबा ने यह भी कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार को आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने के लिए एसआरओ (स्पेशल रूल्स ऑर्डर) लाने की आवश्यकता थी, जैसा कि 2018 में हुआ था। उस समय, जब वह राज्य की मुख्यमंत्री थीं, तो उन्होंने सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए स्नातकोत्तर में 75 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के लिए एसआरओ-49 लागू किया था। महबूबा ने कहा, "अगर उन्होंने 2018 में ऐसा किया था, तो आज क्यों नहीं?"
महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर से सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने संसदीय चुनावों में भी यह सोचकर नेशनल कॉन्फ्रेंस को वोट दिया था कि वे उनके मुद्दों को सुलझाएंगे या कम से कम संसद में उन्हें उठाएंगे। महबूबा ने स्पष्ट करते हुए कहा, "हम इसमें कोई राजनीति नहीं चाहते हैं, लेकिन इस मुद्दे को सुलझाना जरूरी है, ताकि राज्य के सामान्य वर्ग के छात्र भी बिना किसी परेशानी के अपना भविष्य बना सकें।" (भाषा)
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