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Hindi News एजुकेशन परीक्षा यूपी में विश्वविद्यालय की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं छोड़कर बाकी परीक्षाएं स्थगित : डॉ. दिनेश शर्मा

यूपी में विश्वविद्यालय की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं छोड़कर बाकी परीक्षाएं स्थगित : डॉ. दिनेश शर्मा

उप्र कोविड-19 के प्रसार के खतरे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं छोड़कर बाकी परीक्षाएं स्थगित : उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा

<p>uttar pradesh state universities postpone examinations...- India TV Hindi Image Source : PTI uttar pradesh state universities postpone examinations except for final year or final semester examinations

लखनऊ। कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर को छोड़कर बाकी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। आखिरी वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर में कराई जाएंगी। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने गुरुवार (16 जुलाई) को संवाददाताओं को बताया कि कोविड-19 के प्रसार के खतरे के मद्देनजर राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं को छोड़कर बाकी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। 

उन्होंने कहा कि निर्धारित प्रोटोकॉल और दिशा- निर्देश का अनुपालन करते हुए सितंबर के अंत तक ऑफलाइन यानी पेन और पेपर से अथवा ऑनलाइन या फिर मिश्रित तरीके से परीक्षाएं संपन्न कराई जाएंगी। स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरी करा ली जाएंगी। स्नातक अंतिम वर्ष का परीक्षा फल 15 अक्टूबर तक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षा का परिणाम 31 अक्टूबर तक घोषित कर दिया जाएगा। 

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई छात्र किसी वजह से अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो उसे दूसरा मौका भी दिया जाएगा। विश्वविद्यालय की सुविधा के अनुसार इस परीक्षा को आयोजित कराया जाएगा जिससे छात्रों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा या नुकसान ना हो। यह प्रावधान केवल चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए ही लागू होगा। उन्होंने कहा कि प्रथम वर्ष या द्वितीय सेमेस्टर के लिए प्रावधान किया गया है। विश्वविद्यालय की गाइडलाइन कहती है कि प्रथम वर्ष के छात्रों के परिणाम शत-प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएं। 

उन्होंने कहा कि जहां आंतरिक मूल्यांकन की प्रविधि चल रही है वहां कुलपति इस पद्धति को अपना सकते हैं और अगर नहीं है, या वे हमारी प्रविधि को अपनाना चाहते हैं तो परीक्षाओं के सिलसिले में चार कुलपतियों की समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर सभी संकायों के प्रोन्नत प्रथम वर्ष के छात्र 2020-21 की द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार अगर वे अलग-अलग विषयों में पास होते हैं तो द्वितीय वर्ष के सभी विषयों के प्राप्त अंकों का औसत अंक ही उनके प्रथम वर्ष के अवशेष प्रश्न पत्रों का प्राप्तांक माना जाएगा।

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