lal qila
लाल किला
लाल किला दिल्ली का एक प्रमुख जगह है जहां से हर 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री देश की जनता को संबोधित करते है। मुगल बादशाह शाहजहां ने इसे 1693 में बनाई थी। ब्रिटिश काल में इसे छावनी के तौर पर इस्तेमाल किया गया था।लाल पत्थर से बना यह लाल किला 2 किलोमीटर चौड़ा है। शहर की ओर इसकी ऊंचाई 33 मीटर है जबकि नदी की ओर 18 मीटर। यह किला शाहजहां ने 1638 में बनवाया था। 10 साल बाद 1648 में यह बनकर तैयार हुआ था। इसके अंदर कई इमारतें हैं, जिनमें जनसभा के लिए दीवान-ए-आम, मोती मस्जिद, रंगीन महल और शाही स्नान गृह शामिल हैं।
पारसी, यूरोपीय और भारतीय स्थापत्य कला से सुसज्जित यह किला अपने आप में बेजोड़ है।इस विशाल लाल किला की लाल बालुई पत्थर की दीवारें जमीन से 33 मीटर ऊंची हैं जो मुगल शासकों की राजसी शक्ति और प्रताप की याद दिलाती है। 1638 में बनी इस प्राचीर का निर्माण मुख्यत: आक्रमणकारियों से बचाने के लिए किया गया था। अब यह शहर के शोर शराबे से भी बचाती हैं। यहां स्वतंत्रता दिवस पर हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं। इसके अन्दर कई महत्वपूर्ण इमारतें है जैसे कि ड्रम हाउस, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, मोतिया मस्जिद, शाही हमाम तथा रंग महल बने हुए हैं।
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