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Hindi News मध्य-प्रदेश समोसे के साथ नहीं मिली प्लेट और चम्मच!, ग्राहक ने सीधे मुख्यमंत्री से की शिकायत - पढ़ें पूरा मामला

समोसे के साथ नहीं मिली प्लेट और चम्मच!, ग्राहक ने सीधे मुख्यमंत्री से की शिकायत - पढ़ें पूरा मामला

एमपी के छतरपुर में एक दुकानदार ने ग्राहक को समोसे के साथ प्लेट और चम्मच नहीं दी तो भड़के ग्राहक ने इसकी सीधी शिकायत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कर दी।

samosa wala complaint- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/THEFOODAVENGERS samosa wala complaint

Highlights

  • समोसे के साथ नहीं मिली प्लेट और चम्मच!
  • ग्राहक ने सीधे मुख्यमंत्री से की शिकायत
  • सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है शिकायत

समोसे को अगर भारतीय नाश्ता घोषित कर दिया जाए तो कोई हर्ज नहीं होगा। भारत के लोग कुछ खाए या ना खाएं लेकिन समोसा ज़रूर खाते हैं। समोसा एक ऐसा स्ट्रीट फूड है जो आपको देश के कोने-कोने में मिल जाएगा। हालांकि, आज यही समोसा मध्यप्रदेश में बवाल खड़ा किए हुए है। दरअसल, एमपी के छतरपुर में एक दुकानदार ने ग्राहक को समोसे के साथ प्लेट और चम्मच नहीं दी तो भड़के ग्राहक ने इसकी सीधी शिकायत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कर दी। यानि सीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत कर दी। अब जब यह प्रकरण सोशलमीडिया पर सामने आया तो लोगों की तरह-तरह की प्रक्रियाएं भी सामने आने लगीं। कुछ यूजर इस पर मजे लेने लगे तो कुछ शिकायत कर्ता के पक्ष में खड़े दिखाई दिए। हालांकि, इन सब के बीच शिकायत सुनने वाले सीएम हेल्पलाइन के अधिकारियों के पसीने जरूर छूट गए कि आखिर ऐसी अनोखी समस्या का समाधान कैसे किया जाए। 

कौन है शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता वंश बहादुर नाम का एक शख्स है। दरअसल, बहादुर जब छतरपुर बस स्टैंड पर समोसा लेने पहुंचा तो दुकानदार ने उसे समोसे के साथ प्लेट और चम्मच नहीं दिया, इसके बाद ग्राहक इतना नाराज़ हुआ कि उसने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर दी। बहादुर ने सीएम हेल्पलाइन में लिखा, 'छतरपुर बस स्टैंड पर राकेश समोसा नाम से एक दुकान है। यहां जो भी व्यक्ति समोसा खरीदता है, उसे उसके साथ कटोरी और चम्मच नहीं दी जाती. कृपया इस समस्या का जल्द से जल्द निराकरण कराया जाए।'

सीएम हेल्पलाइन ने क्या किया

इस अजीब सी शिकायत के मिलने के बाद पहले तो सीएम हेल्पलाइन के कर्मचारियों को शायद समझ ही नहीं आया होगा की किया क्या जाए। तभी तो इसे सुलझाने के लिए उन्होंने 5 दिन का समय ले लिया। हालांकि, इसके बाद भी वह इस पर क्या करें उन्हें नहीं सूझा जिसके बाद उन्होंने शिकायत को बंद कर दिया।