महाकुंभ में फ्लाइट्स और टेंट बुकिंग के नाम पर साइबर ठगी, ठगों ने लगाया लाखों का चूना
महाकुंभ में फ्लाइट्स और टेंट की बुकिंग के नाम पर ठगों ने लाखों रुपये की साइबर ठगी की है। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है।

महाकुंभ जाने के लिए फ्लाइट्स और टेंट बुकिंग के नाम पर मुंबई में एक महिला संग साइबर ठगी का मामला देखने को मिला है। प्राथमिक रूप से मिली जानकारी के मुताबिक, मुंबई के लोअर परेल की एक व्यवसायी महिला ने प्रयागराज में कुंभ मेले के लिए टेंट और हवाई टिकट बुक करने का प्रयास करते समय ऑनलाइन धोखाधड़ी में 3.78 लाख रुपये गंवा दिए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 55 वर्षीय शिकायतकर्ता, जो फर्नीचर का व्यवसाय करती हैं, अपने पति के साथ प्रयागराज जाने की योजना बना रही थी। 7 फरवरी 2025 को उन्होंने ऑनलाइन टेंट बुकिंग के लिए एक वेबसाइट www.Tentcitymahakumbh.org पर संपर्क किया।
महाकुंभ में टेंट और फ्लाइट की बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी
उन्होंने बताया कि वेबसाइट पर संपर्क करने पर, उन्हें एक अन्य कस्टमर केयर का व्हाट्सएप नंबर मिला, जिसमें छह यात्रियों के नाम और आधार विवरण मांगे गए थे। घोटालेबाज ने उन्हें ऑफिसर से जुड़ी जानकारी भी भेजी, जिसमें कहा गया था कि भुगतान करने पर दो वीआईपी टेंट बुक किए जा सकते हैं, जिसके बाद महिला ने टेंट बुकिंग शुल्क के रूप में "यूपी स्टेट टूरिज्म " नामक खाते में 35,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। अगले दिन यानी 8 फरवरी को ठग ने छह यात्रियों को 2,61,990 रुपये में फ्लाइट टिकट पर छूट देने का ऑफर दिया। उसने पूरा भुगतान पहले ही करने को कहा, साथ ही आधार कार्ड की जानकारी भी मांगी।
पीड़ितों को लगा लाखों का चूना
इसके बाद शिकायतकर्ता महिला ने अपने बैंक खाते से 1 लाख रुपये ट्रांसफर किए, जबकि उसके दोस्त, जो उसी ग्रुप का हिस्सा था, उसने 75 हजार रुपये ट्रांसफर किए। बाद में शिकायतकर्ता के ने अपने खाते से 30,500 रुपए और उसके दोस्त ने अपने खाते से 90,500 रुपए ट्रांसफर कर दिए। कुल मिलाकर 3,78,000 का भुगतान करने के बावजूद, घोटालेबाज ने दावा किया कि भुगतान में देरी के कारण फ्लाइट टिकट रद्द कर दिए गए थे और उसने रीबुकिंग के लिए और 93,018 रुपये और मांगे। पीड़ित महिला ने 47,000 और भेजे, लेकिन उसके दोस्त ने आगे पैसे देने से इनकार कर दिया और रिफंड का अनुरोध किया। लेकिन अंत में जब कोई टिकट या बुकिंग कन्फर्मेशन नहीं आया और घोटालेबाज ने जवाब देना बंद कर दिया तो पीड़ितों को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद उन्होंने मुंबई के एनएन जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आईटी एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है।