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Hindi News महाराष्ट्र फ्रीज किए लॉकर से करोड़ों की नगदी और सोना गायब, आरोपियों ने कुएं में छिपाया, पुलिस को मिली बड़ी सफलता

फ्रीज किए लॉकर से करोड़ों की नगदी और सोना गायब, आरोपियों ने कुएं में छिपाया, पुलिस को मिली बड़ी सफलता

ऑनलाइन गेमिंग घोखाधड़ी मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। आरोपी सोंटू से बरामद लैपटॉप और आईफोन से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने करोड़ों की नगदी और सोना बरामद किया है।

maharashtra - India TV Hindi Image Source : सांकेतिक तस्वीर महाराष्ट्र

महाराष्ट्र राज्य के सबसे सनसनीखेज 58 करोड़ की ऑनलाइन गेमिंग धोखाधडी के मामले में नागपुर पुलिस ने बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने भंडारा जिले में और गोंदिया जिले में कई जगहों पर छापेमारी की। यहां पुलिस ने 3 करोड़ रुपए एयर करोड़ों का सोना बरामद किया है। बता दें कि ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी में 58 करोड रुपए की ठगी करने वाले इंटरनेशनल बुकी अनंत उर्फ सोंटू जैन के फ्रीज किए गए लॉकर से यह सब गायब किया गया था।

मुख्य आरोपी क्राइम ब्रांच की हिरासत में है 

आरोपी ने इस घटना को गोंदिया के एक बैंक मैनेजर तथा चिकित्सक दंपति की मदद से जाम दिया था। सोंटू के आईफोन की जांच में पूरा मामला सामने आने के बाद पुलिस ने गोंदिया और भंडारा की सात जगहों पर छापा मार कर 3 करोड़ की नगदी तथा 2 करोड़ रुपए की कीमत का 2 किलो 200 ग्राम सोना बरामद किया है। 58 करोड़ रुपए की ठगी में सोंटू क्राइम ब्रांच की हिरासत में है। पुलिस ने उसका लैपटॉप और आईफोन बरामद किया था।

बरामद किए लैपटॉप और फ़ोन से मिली जानकारी 

हालांकि उसने दोनों को फॉर्मेट करने के बाद पुलिस को सौपा था। पुलिस ने आधुनिक तरीके का इस्तेमाल कर मोबाइल का डाटा रिकवर कर लिया। इस डाटा से पता लगा कि उसने सोना अपने घर के कुएं में छुपा कर रखा था। पुलिस ने छापे के दौरान कुएं के ऊपर काफी कचरा नजर आया। उसे हटाने पर जाली पर लटकी हुई एक रस्सी दिखाई दी। इस रस्सी में एक बैग था जिसमें सोना रखा हुआ था। रस्सी को खींचते ही पुलिस की आंखें फटी की फटी रह गईं। 

सोंटू ने मैनेजर के साथ मिलकर साजिश रची

नागपुर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि नागपुर सिटी पुलिस ने जैन परिवार के नाम पर पंजीकृत लॉकर खोलने के लिए 27 जुलाई को बैंक को नोटिस दिया था। नोटिस मिलने पर मैनेजर ने सोंटू से संपर्क किया और इस बारे में जानकारी दी। सोंटू ने मैनेजर के साथ मिलकर साजिश रची। उन्होंने प्लानिंग के तहत इसी ब्रांच में दूसरे के नाम पर 3 लॉकर लिए ,फिर जैन परिवार के लॉकर में रखी रकम को नए लॉकर में रख गया।