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Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र: गढ़चिरौली पुलिस ने 5 नक्सलियों को गिरफ्तार किया, 36 लाख रुपए का था इनाम, हथियार भी बरामद

महाराष्ट्र: गढ़चिरौली पुलिस ने 5 नक्सलियों को गिरफ्तार किया, 36 लाख रुपए का था इनाम, हथियार भी बरामद

महाराष्ट्र की गढ़चिरौली पुलिस ने 5 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इन नक्सलियों पर 36 लाख रुपए का इनाम था। इनके पास से हथियार भी बरामद हुए हैं।

Naxalites- India TV Hindi Image Source : INDIA TV 5 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया

गढ़चिरौली: महाराष्ट्र कि गढ़चिरौली पुलिस और सीआरपीएफ ने 5 नक्सलवादियों को गिरफ्तार किया है। ये नक्सली किसी कांड को अंजाम देने की तैयारी में थे। इन पांचों नक्सलियों पर महाराष्ट्र सरकार ने 36 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। इसे पुलिस और सीआरपीएफ की बड़ी सफलता माना जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

डीवीसीएम रैंक के एक वरिष्ठ नक्सलवादी, एक एसीएम के साथ तीन प्लाटून सदस्य नक्सलवादियों को अबुझमाड़ के बिनगुंडा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से एक स्वचालित एसएलआर राइफल, एक 303 राइफल, तीन एसएसआर राइफल, दो हैंडगन सहित कुल 7 हथियार (आग्नेयास्त्र) जब्त किए गए हैं।

गौरतलब है कि गढ़चिरौली जिला नक्सल प्रभावित जिला माना जाता है। यहां नक्सलवादी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और सुरक्षाबलों पर हमला कर रहे हैं। वह आगजनी समेत अन्य प्रकार के सरकारी काम में बाधा डाल रहे हैं।

दरअसल गोपनीय सूचना मिली थी कि 50 से 60 माओवादी पुलिसकर्मियों पर हमला करने और घात लगाने के इरादे से भामरागढ़ उप-विभाग के लाहेरी उप-पोस्ट के अंतर्गत एक गांव बिनगुंडा में जमा हुआ हैं। पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अभियान) यतीश देशमुख के नेतृत्व में सी-60 (स्पेशल एक्शन फोर्स) की 8 टुकड़ियां और ए कंपनी 37 बटालियन को 18 मई को सीआरपीएफ टीम के साथ उक्त वन क्षेत्र में भेजा गया। 

19 मई की सुबह जब सी-60 टीमें माओवादी विरोधी अभियान चला रही थीं, उन्होंने बिनगुंडा गांव को घेर लिया और गांव की तलाशी शुरू कर दी। देखा गया कि कुछ संदिग्ध हरे-काले रंग की वर्दी पहने हुए और कुछ सादे कपड़ों में हथियारों के साथ पुलिस दल पर घात लगाने की योजना बना रहे थे। चूंकि गांव में नागरिक मौजूद थे, इसलिए पुलिस दल ने गोलीबारी नहीं की और आखिर में पांच नक्सलवादियों को उनके हथियारों के साथ पकड़ लिया। इस दौरान अन्य नक्सलवादी गांव और जंगल का लाभ उठाकर भाग निकले।