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Maharashtra: उल्हासनगर स्लम में बिना ग्लव्स-मास्क पहने बनाई जा रही थी टेस्टिंग किट, जांच शुरू

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर के स्लम में कोरोना टेस्टिंग किट बनाये जाने का मामला सामने आया है। उल्हासनगर महानगरपालिका ने तुरंत पूरे उल्हासनगर, कल्याण,मुरबाड,बदलापुर, मुम्ब्रा और आसपास के जिलो में ऐसे किट के डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लग दी है।

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मुंबई: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर के स्लम में कोरोना टेस्टिंग किट बनाये जाने का मामला सामने आया है। उल्हासनगर महानगरपालिका ने तुरंत पूरे उल्हासनगर, कल्याण,मुरबाड,बदलापुर, मुम्ब्रा और आसपास के जिलो में ऐसे किट के डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लग दी है। बता दें कि उल्हासनगर के संत ज्ञानेश्वर नगर, केम्प नम्बर 2 के स्लम और चालियो के घर घर में कोरोना टेस्टिंग की स्वैब स्टिक बनाई जा रही थी। जानकारी मिलने के बाद 5 मई को एफडीए के साथ उल्हासनगर पुलिस ने संत ज्ञानेश्वर इलाके में छापेमारी की और बनाई जा रही किट को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू की।

इस मामले में उल्हासनगर मनपा कमिश्नर डॉक्टर राजा दयानिधि ने एक जांच कमिटी बनाई है जिसमे उल्हासनगर के मेयर और डेप्युटी मेयर भी जांच में शामिल है। जांच कमिटी ने अब तक कि जांच में पाया है कि जिस सोनापुर की कंपनी ने इन गरीब लोगों को ये कोरोना किट स्ट्रिप बनाने को दिया था उसने और भी कई इलाकों में ऐसे किट घर घर मे बनाने को दिया था और महेश केसवानी नाम के उस व्होलसेलर को पता था कि इस तरह किट बनाना कोरोना मरीजो के जान के साथ खिलवाड़ है फिर भी उसने ऐसा घिनौना काम किया।

इस मामले में प्रथमदृष्टया स्लम और बस्तियों में लोगो से ये कोरोना किट बनवाये जाने को लेकर महेश केसवानी उर्फ रबरवाला इस मामले के लिए जिम्मेदार है। अब उल्हासनगर महानगपालिका की ये रिपोर्ट ठाणे फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट को भेजी गई है। 

पुलिस, एफडीए और महानगरपालिका के हेल्थ टीम की ताबड़तोड़ रेड शुरू की है। इस कोरोना किट के ठेकेदार महेश केसवानी के ऑफिस, गोदामो और अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की गई। जिन बस्तियों और झुग्गियों में ये कोरोना किट बनाये जाने का ठेका ये ठेकेदार दे रहे थे उन बस्ती के लोगों का भी पुलिस घर घर जाकर बयान ले रही है। अब तक कि जांच में पता चला है कि पिछले 1 साल से संक्रमित कोरोना किट बनाये जाने का ये गंदा खेल चल रहा था। इस गोरखधंधे में और भी कई बड़े बिजनेसमैन शामिल है।

इंडिया टीवी की टीम ने इस सर्च और रेड में जुटे उल्हासनगर के तीन मनपा अधिकारियों से बातचीत की जिसमें ये पता चला कि इस कारखाने और गोदाम को मनपा की इजाजत के बगैर चलाया जा रहा था यानी अवैध तरीके से ये कोरोना टेस्टिंग किट बनाकर अलग अलग शहरो के अलग-अलग लैब में पहुंचाई जा रही है। फिर लैब के टेक्नीशियन घर-घर जाकर संदिग्ध कोरोना मरीजो का इसी संक्रमित टेस्टिंग किट से टेस्ट कर रहे थे